क्या प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक का पदभार ग्रहण किया?

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क्या प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक का पदभार ग्रहण किया?

सारांश

नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति की निदेशक के रूप में नियुक्ति से आयुर्वेद के क्षेत्र में नई ऊंचाइयाँ छूने की उम्मीद है। क्या वे इस संस्थान को वैश्विक पहचान दिलाने में सफल होंगे?

Key Takeaways

  • प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति का निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण करना आयुर्वेद के लिए एक नया अध्याय है।
  • स्वागत समारोह में दीप प्रज्वलन और भगवान धन्वंतरि वंदना शामिल थी।
  • प्रो. प्रजापति के अनुभव से संस्थान को नई ऊंचाइयाँ प्राप्त होंगी।
  • सरकार की पहल से आयुर्वेद को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।

नई दिल्ली, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति ने शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली के निदेशक के रूप में अपने कार्यभार का औपचारिक रूप से ग्रहण किया।

इससे पहले, प्रो. प्रजापति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर में कुलपति के पद पर कार्यरत थे। वे गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर में भी शोध एवं शैक्षणिक गतिविधियों से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी।

पदग्रहण अवसर पर आयोजित स्वागत समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भगवान धन्वंतरि वंदना से हुई। इस अवसर पर संस्थान की पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) मञ्जूषा राजगोपाल, डीन (पीएचडी) प्रो. (डॉ.) महेश व्यास सहित शैक्षणिक, चिकित्सकीय, प्रशासनिक एवं नर्सिंग स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहा। सभी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर नए निदेशक का स्वागत किया।

पदभार ग्रहण करने के बाद, प्रो. प्रजापति ने संबोधन में कहा, “आयुर्वेद की सेवा करने का यह महत्वपूर्ण अवसर मेरे लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। सरकार ने आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने का जो बीड़ा उठाया है, उसमें आप सभी के सहयोग से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान को वैश्विक पहचान दिलाने की यात्रा में हमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होगी।”

इस अवसर पर, प्रो. (डॉ.) मञ्जूषा राजगोपाल ने स्वागत संबोधन में सभी का आभार व्यक्त करते हुए टीम भावना के साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई। डीन प्रो. (डॉ.) महेश व्यास ने कहा कि निदेशक का देश के शीर्ष संस्थानों में कार्य करने का अनुभव संस्थान को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएगा।

पदग्रहण के तुरंत बाद, प्रो. प्रजापति ने संस्थान में शिक्षकों के लिए आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) के समापन कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन कर भागीदारी की।

प्रो. प्रजापति ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से बीएएमएस की डिग्री तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से एमडी एवं पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति की नियुक्ति केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से हुई है। इसके अनुसार, वे कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष अथवा सेवानिवृत्ति की आयु तक, जो भी पहले हो, निदेशक पद पर बने रहेंगे।

Point of View

बल्कि यह आयुर्वेद के क्षेत्र में एक नई दिशा भी दर्शाता है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव से निश्चित ही संस्थान को नई ऊंचाइयों पर पहुँचने में मदद मिलेगी।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति का पूर्व अनुभव क्या है?
प्रो. प्रजापति पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर में सहायक प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में पदभार ग्रहण का क्या महत्व है?
यह पदभार ग्रहण आयुर्वेद के क्षेत्र में नई दिशा देने और वैश्विक पहचान स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण है।