क्या पुणे में डकैती की योजना बना रहे 6 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- 6 संदिग्धों को डकैती की योजना बनाते समय गिरफ्तार किया गया।
- पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड की सूचना पर कार्रवाई की।
- गिरफ्तार संदिग्ध गुजरात के निवासी हैं।
- पुलिस ने 3,40,000
- जांच जारी है और संदिग्धों को पुलिस कस्टडी में रखा गया है।
पुणे, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे जिले की रांजणगाव एमआइडीसी पुलिस ने बुधवार की रात को एक बंद कंपनी में डकैती की योजना बना रहे 6 संदिग्धों को गिरफ्तार कर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। रात 11 बजे डायल 112 पर एक सिक्योरिटी गार्ड के अर्जेंट कॉल के बाद पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
कॉलर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कुछ चोरों के लाठी-डंडों के सहारे बंद कंपनी में घुसने की सूचना मिलने पर ऑन-ड्यूटी पुलिस कॉन्स्टेबल संतोष अडसुल ने तुरंत पुलिस इंस्पेक्टर महादेव वाघमोड़े को सूचित किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया।
पुलिस सब-इंस्पेक्टर अविनाश थोरात, एएसआई दत्तात्रेय शिंदे, विलास आंबेकर और कॉन्स्टेबल उमेश कुतवल ने मौके का मुआयना किया। सिक्योरिटी गार्ड द्वारा पता चला कि कुछ संदिग्ध गुजरात पासिंग लाइसेंस वाली कंपनी की कार में सवार थे। जब पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया, तो वही संदिग्ध वैगनआर कार (नंबर जीजे 36 एल 5891) खंडालमाथा इलाके में नगर-पुणे हाईवे पर एक होटल के सामने मिली। पुलिस को देखकर संदिग्धों ने भागने की कोशिश की, लेकिन टीम ने तत्परता दिखाते हुए सभी को हिरासत में ले लिया।
हिरासत में लिए गए संदिग्धों में सुरेशभाई प्रभुभाई धमेचा, जितेंद्र दिनेश डाभी, मेहुल सुरेशभाई धमेचा, भरतभाई देवजीभाई सोलंकी, उत्सव जितेंद्रभाई डाभी और भरतभाई जीवराजभाई कोली शामिल हैं। ये सभी गुजरात के मोरबी के रहने वाले हैं।
जांच के दौरान, आरोपियों के मोबाइल फोन में बंद कंपनी के फोटो मिले। जब पुलिस की मौजूदगी में कार की जांच की गई, तो एक टिकाव, एक चाकू, चोरी के लिए जरूरी सामान और छह मोबाइल फोन मिले। कुल 3,40,000
आरोपियों ने कबूल किया कि वे स्क्रैप और मिट्टी में कीमती मेटल होने की जानकारी मिलने पर चोरी करने आए थे। सभी आरोपियों के खिलाफ लूट की तैयारी का केस दर्ज किया गया है और कोर्ट ने उन्हें 12 दिसंबर
यह ऑपरेशन पुलिस इंस्पेक्टर महादेव वाघमोड़े और उनकी टीम ने सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस संदीप गिल, एडिशनल सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस रमेश और सब-डिविजनल ऑफिसर प्रशांत धोले के मार्गदर्शन में किया। आगे की जांच पीएसआई अविनाश थोरात कर रहे हैं।