क्या पंजाब में भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग से मिलकर आप और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने चुनाव आयोग से मिलकर गंभीर आरोप लगाए।
- पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसा गया।
चंडीगढ़, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर रहे हैं। चार दिसंबर नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। इस दौरान, पंजाब भाजपा के नेताओं ने पंजाब चुनाव आयोग से मुलाकात की और आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस पर अनेक गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी चिंताएं साझा की।
पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि पंजाब सरकार दबाव, दंड और छल की रणनीति पर काम कर रही है। हमारे उम्मीदवारों को धमकाया जा रहा है और पुलिस एवं नागरिक प्रशासन द्वारा उन्हें नामांकन न दाखिल करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जो लोग नामांकन कर चुके हैं, उन्हें वापस लेने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। कांग्रेस और आप की सरकार ने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है।
सुभाष शर्मा ने यह भी कहा कि पंजाब अब एक गिरोह नियंत्रित राज्य बनता जा रहा है। लुधियाना में एक शादी समारोह के दौरान गोलीबारी हुई और एक आरएसएस नेता की हत्या कर दी गई। लगभग हर दिन कोई न कोई हिंसक घटना सामने आ रही है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और राज्य आपराधिक गिरोहों के नियंत्रण में आ रहा है।
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसते हुए कहा कि उनका ध्यान इस ओर नहीं है। वे केवल चुटकुले सुनाने और अन्य दलों की आलोचना में लगे रहते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि अब बादल और कैप्टन सत्ता में नहीं हैं। जनता ने उनका जवाब चुनाव में दे दिया है।
अब यह आपकी सरकार है और आप ही जनता के प्रति जवाबदेह हैं। आपकी सरकार को चार वर्ष पूरे होने वाले हैं। आपने इन चार वर्षों में क्या किया है? अब जनता को बताएं।