क्या पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामला गंभीर है?

सारांश
Key Takeaways
- डॉ. बलबीर सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला
- अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को
- शिकायत में कई धाराओं का उल्लेख
- राजनीति में हलचल पैदा करने वाला मामला
- आरोपी को अपना पक्ष रखने का अवसर
पटियाला, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते अदालत ने एक नोटिस जारी किया है। यह मामला आम आदमी पार्टी की पटियाला महिला विंग की पूर्व अध्यक्ष श्वेता जिंदल की शिकायत से संबंधित है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी।
श्वेता जिंदल ने अपने शिकायत पत्र में डॉ. बलबीर सिंह, उनके पुत्र तथा कार्यालय इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पार्टी में काउंसलर का टिकट देने का लालच देकर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनाया गया।
जिंदल ने अदालत में कहा कि इन व्यक्तियों ने मिलकर उन्हें परेशान किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें शिकायत दर्ज करानी पड़ी।
यह शिकायत भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं, जैसे कि 114, 115(2), 56, 61, 74, 75(1)(i)(ii), 76, 78, 79, 351(1), 351(2), 351(3), 351(4), 356(1), 356(2), और 3(5) के तहत की गई है। अदालत ने शिकायत पर लिखने और सुनवाई प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया है।
अदालत द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यह 'समन' नहीं है। भारतीय न्याय संहिता प्रक्रिया संहिता 2023 की धारा 223(1) के प्रावधानों के तहत आरोपी पक्ष को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा। आरोपी की व्यक्तिगत उपस्थिति और जमानत का प्रश्न समन आदेश पारित होने के बाद ही उठेगा। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को निर्धारित की है और सभी आरोपी पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
यह हाई-प्रोफाइल मामला न केवल राज्य की राजनीति में हलचल मचा रहा है, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की छवि पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।