क्या पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं? कुल संख्या 165 तक पहुँची

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क्या पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं? कुल संख्या 165 तक पहुँची

सारांश

पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालिया आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर 2025 तक एक दिन में 31 नए मामले दर्ज हुए हैं, जिससे कुल संख्या 165 पहुंच गई है। अमृतसर सबसे प्रभावित जिला है। सरकार ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

Key Takeaways

  • पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
  • अमृतसर में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
  • सरकार ने सख्त कार्रवाई की घोषणा की है।
  • किसानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
  • फसल अवशेषों के प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों पर जोर दिया जा रहा है।

चंडीगढ़, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर 2025 तक राज्य में एक ही दिन में 31 नए पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही, राज्य में अब तक कुल 165 मामले दर्ज हो चुके हैं।

अमृतसर जिला इस बार पराली जलाने के मामलों में सबसे आगे रहा है, जहां 68 मामले पंजीकृत किए गए हैं। इसके बाद तरन तारन में 47, पटियाला में 11 और फिरोजपुर में 6 मामलों की रिपोर्ट आई है, जबकि कुछ जिलों जैसे मोगा, मुक्तसर, रूपनगर और पठानकोट में एक भी घटना की सूचना नहीं मिली है।

सीएक्यूएम की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक राज्यभर में 165 स्थानों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें से 97 जगहों पर पराली जलाने की पुष्टि हुई है। इन मामलों में संबंधित किसानों पर कार्रवाई करते हुए अब तक 89 किसानों पर पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है।

कुल 4.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 3.15 लाख रुपए की राशि वसूल की जा चुकी है।

पंजाब सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी निगरानी शुरू की है। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 80 से अधिक एफआईआर विभिन्न जिलों में बीएनएस की धारा 223 के तहत दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, 55 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में 'रेड एंट्री' भी की गई है, जिसका अर्थ है कि उनके भूमि रिकॉर्ड पर यह उल्लंघन दर्ज कर लिया गया है।

अमृतसर और तरन तारन जिलों में सबसे अधिक कार्रवाई की गई है। अमृतसर में अब तक 32 किसानों पर जुर्माना, 32 एफआईआर और 32 रेड एंट्री दर्ज की गई हैं। वहीं, तरन तारन में 47 एफआईआर दर्ज हुई हैं और 13 रेड एंट्री की गई हैं।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि अब तक किसी भी नोडल या सुपरवाइजरी अधिकारी के खिलाफ कोई अभियोजन कार्रवाई नहीं की गई है, हालांकि 67 चेतावनी नोटिस और शो कॉज नोटिस जारी किए गए हैं।

सीएक्यूएम ने राज्य सरकारों और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की है कि वे खेतों में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करें और किसानों को वैकल्पिक प्रबंधन उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करें।

पंजाब में अब तक कुल 31.72 लाख हेक्टेयर धान क्षेत्र में से लगभग 19.5 प्रतिशत क्षेत्र की कटाई पूरी हो चुकी है।

Point of View

बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर वायु गुणवत्ता पर भी इसका असर पड़ रहा है। सरकार को इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

पंजाब में पराली जलाने के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
किसानों की फसल कटाई के बाद, पराली जलाने का चलन बढ़ गया है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
पराली जलाने से क्या नुकसान होता है?
यह वायु प्रदूषण को बढ़ाता है और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
सरकार इस पर कैसे कार्रवाई कर रही है?
सरकार ने सख्त निगरानी और जुर्माना लगाने के प्रयास किए हैं।