क्या पंजाब के किसानों के लिए रबी फसलों की एमएसपी बढ़ोतरी फायदेमंद है?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों के लिए एमएसपी में वृद्धि से आय में सुधार होगा।
- सरकार का यह कदम कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगा।
- किसान लखविंदर सिंह ने इसे सराहनीय बताया।
- जसविंदर सिंह ने सरकार का आभार व्यक्त किया।
- केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
फाजिल्का, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सीजन 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी।
इसके पीछे का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। केंद्र सरकार का यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पंजाब के फाजिल्का जिले के किसान लखविंदर सिंह ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि का निर्णय सराहनीय है। वर्तमान सरकार द्वारा दी गई दरें बहुत अच्छी हैं। पहले के समय में ऐसी दरें नहीं मिलती थीं। यह कदम हम किसानों के लिए लाभकारी है। एमएसपी में यह वृद्धि न केवल किसानों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि दालों और तिलहन जैसी फसलों के उत्पादन को भी बढ़ावा देगी।"
एक अन्य किसान जसविंदर सिंह ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "एक किसान के रूप में मैं सरकार का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। गेहूं के लिए एमएसपी में 160 रुपए की वृद्धि से हमें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। यह निर्णय हमारी आय बढ़ाने में मदद करेगा और देश की आयात निर्भरता कम करेगा।"
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने रबी फसलों के लिए एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। सबसे अधिक वृद्धि कुसुम के लिए 600 रुपए प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 300 रुपए प्रति क्विंटल की गई है।
इसके अलावा, रेपसीड और सरसों के लिए 250 रुपए, चना के लिए 225 रुपए, जौ के लिए 170 रुपए और गेहूं के लिए 160 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। यह वृद्धि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने और कृषि उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए की गई है।