क्या पंजाब सरकार गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाश पर्व का भव्य आयोजन करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- समारोहों की शुरुआत 25 अक्टूबर को होगी।
- पंजाब के 23 जिलों में कार्यक्रम आयोजित होंगे।
- एक करोड़ श्रद्धालुओं की भागीदारी की उम्मीद।
- टेंट सिटी में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
- आयोजन सिख समुदाय की एकता का प्रतीक।
चंडीगढ़, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने नवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी और दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के अवसर पर होने वाले भव्य समारोहों की रूपरेखा साझा की।
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी), सिख कॉलेजों के प्रतिनिधियों, संतों और प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। इस बैठक में समारोहों की तैयारियों के साथ-साथ शताब्दी समारोह की योजना बनाई गई।
समारोहों की शुरुआत 25 अक्टूबर को दिल्ली के गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से होगी। पंजाब के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इस अवसर पर सेमिनार और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो सिख गुरुओं के बलिदान और शिक्षाओं को युवाओं तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
1 से 18 नवंबर तक पंजाब के 23 जिलों और 130 गुरुद्वारों में लेजर लाइट एंड साउंड शो, धार्मिक सभाएं और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अमृतसर, बाबा बकाला, आनंदपुर साहिब और पटियाला में विशेष सजावट के साथ बड़े पैमाने पर आयोजन होंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे।
18 नवंबर से चार ऐतिहासिक नगर कीर्तन यात्राएं श्रीनगर, गुरदासपुर, फरीदकोट और दमदमा साहिब से शुरू होकर 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब में समाप्त होंगी। ये यात्राएं सिख समुदाय की एकता और भक्ति का प्रतीक होंगी।
23 और 25 नवंबर को आनंदपुर साहिब में मुख्य समारोह आयोजित होगा, जिसमें एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। 24 नवंबर को शीश भेट नगर कीर्तन और पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र होगा। 25 नवंबर को अखंड पाठ, कीर्तन दरबार, पौधरोपण और ड्रोन शो का आयोजन होगा, जो इस आयोजन को और भव्य बनाएगा।
आनंदपुर साहिब में 'चक नानकी' नामक विश्वस्तरीय टेंट सिटी स्थापित की जाएगी, जिसमें 11,000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। यह टेंट सिटी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
बैठक में उपस्थित सभी संतों और प्रमुख व्यक्तियों ने इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए पंजाब सरकार को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।