क्या विवाह पंचमी पर पुनौरा धाम के जानकी मंदिर की सजावट पूरी हो गई है?
सारांश
Key Takeaways
- विवाह पंचमी का पर्व पूरे मिथिला क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है।
- पुनौरा धाम में जानकी मंदिर की सजावट की जा रही है।
- महिलाएं इस दिन विशेष उपवास रखती हैं।
- विवाह की रस्मों की तैयारी पूरी हो चुकी है।
- पारंपरिक गीतों और भजनों का आयोजन किया जाएगा।
सीतामढ़ी, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मां जानकी की जन्मस्थली बिहार के सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में विवाह पंचमी को लेकर लोगों में गहरा उत्साह है। यह पर्व पूरे मिथिला क्षेत्र में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। पुनौरा धाम में श्री सीताराम विवाह महोत्सव की तैयारियों में तेजी आई है।
स्थानीय निवासियों के साथ ही, प्रदेश एवं नेपाल के लोग भी इस उत्सव में शामिल होने के लिए पुनौरा धाम पहुंच रहे हैं। इस अवसर पर जानकी मंदिर परिसर को भव्य तरीके से सजाया गया है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्री राम और माता सीता के दिव्य विवाह की स्मृति में यहां भव्य आयोजन किया जाता है।
पुनौरा धाम के जानकी जन्मभूमि मंदिर के महंत कौशल किशोर दास ने बताया कि सोमवार को पारंपरिक पूजा-मटकोर और मंगलवार को दिव्य विवाहोत्सव का आयोजन होगा। इस पावन अवसर पर महिलाएं विवाह पंचमी का व्रत-उपवास रखकर पूजा-अर्चना करती हैं। मान्यता है कि इस दिन जो भी अविवाहित युवती उपवास रखकर श्री राम-जानकी की भावपूर्वक पूजा करती हैं, उन्हें मनचाहा पति प्राप्त होता है।
इसी प्रकार, सुहागन स्त्रियों के दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। बताया गया है कि विवाह के सभी रस्मों को निभाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। सोमवार शाम को पूजा-मटकोर का आयोजन होगा, जिसमें महिला मंडलियों द्वारा विधि-विधान के अनुसार मिथिला परंपरा का पालन किया जाएगा। वहीं, रात में हल्दी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें पारंपरिक वैवाहिक गीत, शगुन, हल्दी रस्म और भजन कीर्तन होगा।
मंगलवार की रात विवाहोत्सव का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को नगर के मां जानकी की प्राकट्य स्थली रजत द्वार जानकी मंदिर के महंत विनोद दास के संयोजन में निशान शोभा यात्रा निकाली जाएगी। रात में जानकी माता की महाआरती होगी। विवाह पंचमी पर मंदिर प्रांगण, सीता कुंड, सीता प्रेक्षागृह और सभी भवनों पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। पूरे मंदिर को दीपों से सजाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विवाह पंचमी के पहले रविवार को बिहार के पर्यटन और कला संस्कृति सह युवा विभाग के मंत्री अरुण शंकर प्रसाद मां जानकी की जन्मभूमि पुनौरा धाम पहुंचे। बिहार में नई सरकार के गठन और मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार सीतामढ़ी आए पर्यटन मंत्री ने जानकी मंदिर, सीता कुंड और नगर के रजत द्वार जानकी मंदिर एवं उर्विजा कुंड का दर्शन, पूजन-अर्चन और आरती कर आशीर्वाद लिया। मंत्री ने कहा कि मिथिला के सांस्कृतिक धरोहरों को विकसित किया जाएगा।