क्या क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में आईआईटी दिल्ली है देश का सर्वोत्तम संस्थान?
सारांश
Key Takeaways
- आईआईटी दिल्ली ने क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 59वां स्थान प्राप्त किया।
- भारत के 294 विश्वविद्यालयों ने इस रैंकिंग में स्थान बनाया।
- भारतीय विश्वविद्यालयों को 'साइटेशन प्रति पेपर' में सुधार की आवश्यकता है।
- क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के 54 संस्थान शामिल हैं।
- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसे शैक्षिक सुधारों का प्रमाण बताया।
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में आईआईटी दिल्ली का प्रदर्शन अत्यंत उत्कृष्ट रहा। इस रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली भारत का सर्वोत्तम संस्थान बनकर उभरा है। भारत के कुल सात उच्च शिक्षण संस्थानों ने क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग के शीर्ष 100 में अपनी जगह बनाई है, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय भी शामिल है। इसके अलावा, 20 भारतीय शिक्षण संस्थान शीर्ष 200 में स्थान बनाने में सफल रहे हैं।
66 भारतीय संस्थान ऐसे हैं, जिन्होंने शीर्ष 500 में अपनी जगह बनाई है।
इस वर्ष, भारतीय संस्थानों की उपस्थिति की बात करें तो कुल 294 भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान इस रैंकिंग में शामिल हुए थे। रैंकिंग 2026 में शामिल शीर्ष 10 भारतीय संस्थानों में से पांच आईआईटी संस्थान हैं। हालांकि, भारत के कुछ प्रमुख संस्थानों ने इस साल रैंकिंग में गिरावट भी देखी है। मुख्यतः ‘साइटेशन प्रति पेपर’, ‘फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात’ और ‘अंतरराष्ट्रीयकरण’ जैसे मापदंडों में सुधार की आवश्यकता बताई गई है।
आईआईटी दिल्ली इस बार एशिया में 59वें स्थान पर रही और भारतीय संस्थानों में पहले स्थान पर बनी। इसके पीछे का मुख्य कारण फैकल्टी का उच्च शैक्षणिक स्तर, वैज्ञानिक प्रिंट (पैपर्स) की संख्या और नियोक्ता प्रतिष्ठा है। वहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस यानी आईआईएससी, आईआईटी मद्रास, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर और दिल्ली विश्वविद्यालय भी शीर्ष 100 में शामिल हैं।
इस वर्ष की क्यूएस एशिया रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली को 59वां स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले वर्ष यह 44वीं पोजिशन पर थी। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में, इस वर्ष 36 विश्वविद्यालयों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। वहीं, 16 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी स्थिति बरकरार रखी है। भारत ने इस साल ‘पेपर्स प्रति फैकल्टी’ और ‘स्टाफ विद पीएचडी’ जैसे महत्वपूर्ण मानकों में अच्छे अंक हासिल किए हैं। इससे पहले इसी वर्ष जारी की गई क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत के रिकॉर्ड 54 उच्च शिक्षण संस्थान को वैश्विक सूची में स्थान मिला था।
ध्यान दें कि वर्ष 2014 में भारत के मात्र 11 संस्थानों को इस वैश्विक रैंकिंग में स्थान मिला था। हालाँकि, वर्तमान वर्ष में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पिछले एक दशक में लाए गए क्रांतिकारी शैक्षिक सुधारों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने इसे भारत के लिए शिक्षा क्षेत्र में गर्व का क्षण बताया है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भी आईआईटी दिल्ली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 48% भारतीय संस्थानों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया था। नियोक्ता प्रतिष्ठा के मामले में 5 भारतीय संस्थान वैश्विक शिक्षा संस्थानों के बीच शीर्ष 100 में शामिल रहे। इसके अलावा, शोध गुणवत्ता में 8 भारतीय संस्थान वैश्विक शीर्ष 100 शिक्षण संस्थानों में शामिल थे।
विशेष बात यह है कि इनका औसत स्कोर (43.7) जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका से भी बेहतर था। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 के अनुसार, आईआईटी दिल्ली भारत का नंबर-1 शैक्षणिक संस्थान बनकर उभरा। दोनों रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली को प्राप्त स्थान को शिक्षाविदों ने गौरवमयी उपलब्धि बताया है। आईआईटी दिल्ली ने इस सूची में भारतीय संस्थानों का नेतृत्व किया है।