क्या नीतीश कुमार बिहार नहीं संभाल पा रहे? राबड़ी देवी ने निशांत कुमार को कमान सौंपने की वकालत की

सारांश
Key Takeaways
- राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार पर सवाल उठाए हैं।
- निशांत कुमार को कमान सौंपने का सुझाव दिया गया है।
- बिहार की कानून व्यवस्था चिंताजनक है।
- वोटर लिस्ट में नामों की काटने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए हैं।
- बिहार की राजनीति में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
पटना, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को बिहार की कमान सौंपने का समर्थन किया है। राबड़ी देवी का कहना है कि निशांत युवा हैं और वे इस जिम्मेदारी को अच्छे से निभा सकते हैं।
सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह मानसिक रूप से महत्वपूर्ण फैसले लेने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने निशांत कुमार को कमान सौंपने की मांग की है। उन्होंने पहले भी कहा है कि नीतीश कुमार से बिहार नहीं संभल रहा है, इसलिए अपने बेटे को कमान सौंप दें।
बिहार में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार को यह निर्णय लेना चाहिए कि वे इस्तीफा देंगे या नहीं। सच्चाई यह है कि अब बिहार की स्थिति उनके नियंत्रण में नहीं है।
राबड़ी देवी ने बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध की घटनाएं आम हो गई हैं, जो कि चिंताजनक है।
राबड़ी देवी ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एसआईआर के माध्यम से अनेक लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटा जा रहा है। क्या वे सभी भारत के नागरिक नहीं हैं?
उन्होंने दावा किया है कि करीब 3 करोड़ लोग जो रोजगार के लिए बिहार से बाहर गए, उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। राबड़ी देवी का कहना है कि केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग बिहार में कार्य कर रहा है और लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर वेरिफिकेशन कराने की याद दिलाई। लेकिन, जब लोकसभा चुनाव हुए, तब उन्होंने वेरिफिकेशन क्यों नहीं कराया? यह भी एक सवाल है कि केवल दो महीने के भीतर वोटर दस्तावेज कहां से लाएगा।