क्या सांसद राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री को कर-मुक्त सीमा बढ़ाने के लिए तीन सुझाव दिए?

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क्या सांसद राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री को कर-मुक्त सीमा बढ़ाने के लिए तीन सुझाव दिए?

सारांश

क्या राघव चड्ढा के सुझाव भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा बदल सकते हैं? जानें उनके द्वारा वित्त मंत्री को दिए गए सुझावों के बारे में।

Key Takeaways

  • राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री को तीन सुझाव दिए।
  • कर-मुक्त आय सीमा बढ़ाने की वकालत की।
  • निवेश को प्रोत्साहित करना आवश्यक है।
  • जीएसटी 2.0 में सुधार की जरूरत है।
  • घरेलू निवेशकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मंगलवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। ये सुझाव भारतीय अर्थव्यवस्था को सक्रिय करने और घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हैं।

चड्ढा ने 2025-26 के लिए अनुदान की पूरक मांगों के पहले बैच पर संसद में चर्चा करते हुए इसे 'वार्षिक औपचारिकता' करार दिया, क्योंकि इसमें एक धन विधेयक शामिल है, जिसे उच्च सदन की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है।

उन्होंने वित्त मंत्री को निवेश बढ़ाने और कर नीतियों में सुधार लाने के लिए रचनात्मक सुझाव देने का अवसर उठाया।

चड्ढा ने वैश्विक पूंजी प्रवाह में अस्थिरता की ओर इशारा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के चलते विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने जनवरी से दिसंबर 2025 के बीच भारतीय शेयरों से लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए हैं।

इसके विपरीत, उन्होंने घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की सराहना की, जिन्होंने बाजार में लगभग 7 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया, जिससे भारतीय शेयरों को स्थिरता और सुरक्षा मिली।

चड्ढा ने अपने भाषण में कहा कि अर्थशास्त्र का एक मूल सिद्धांत निवेश को प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने घरेलू पूंजी को पुरस्कृत करने और निवेश पर कर का बोझ कम करने के लिए कर-मुक्त आय सीमा बढ़ाने की वकालत की।

चड्ढा ने कहा कि भारत में निवेश पर अत्यधिक कर लगाया जाता है और उन्होंने दीर्घकालिक घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीति में बदलाव का आह्वान किया।

उन्होंने सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री को दिए गए अपने तीन सुझावों की विस्तृत जानकारी साझा की।

उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो उपभोग पर कर लगाया जाए, लेकिन निवेश को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। घरेलू निवेश को पुरस्कृत होना चाहिए, दंडित नहीं।

चड्ढा ने जीएसटी 2.0 को एक ऐतिहासिक सुधार मानते हुए इसे प्रभावी बनाने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के पूर्ण पास-थ्रू की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने वित्तीय परिसंपत्तियों में नवाचार के लिए ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से डिजिटल टोकन के आंशिक स्वामित्व को सुगम बनाने के लिए एक विशेष टोकनाइजेशन विधेयक और एक नियामक सैंडबॉक्स का प्रस्ताव रखा।

15 दिसंबर को संसद द्वारा अनुमोदित अनुदान के पूरक अनुरोधों में मुख्य रूप से उर्वरक सब्सिडी और अन्य प्राथमिकताओं के लिए 41,455 करोड़ रुपए के अतिरिक्त व्यय को अधिकृत किया गया है।

चड्ढा का यह हस्तक्षेप आर्थिक लचीलेपन पर चल रही बहसों के बीच आया है, जिसमें इस वर्ष विदेशी बहिर्वाह का मुकाबला करने में घरेलू निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उनके सुझाव भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए निवेश-समर्थक सुधारों के लिए विपक्ष के दबाव को रेखांकित करते हैं, जबकि सरकार अपने राजकोषीय उपायों का बचाव कर रही है।

Point of View

NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री को क्या सुझाव दिए?
उन्होंने कर-मुक्त आय सीमा बढ़ाने, उपभोग पर कर लगाने, और जीएसटी 2.0 में सुधार का सुझाव दिया।
क्यों निवेश को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है?
निवेश से आर्थिक विकास और स्थिरता में सुधार होता है, जो लंबे समय तक रोजगार सृजन में सहायक है।
क्या चड्ढा के सुझावों का असर होगा?
यदि सरकार इन सुझावों को लागू करती है, तो यह घरेलू निवेश को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है।
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