क्या रघुनाथपुर में राजद का दबदबा कायम रहेगा, यादव-मुस्लिम समीकरण तय करेंगे?

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क्या रघुनाथपुर में राजद का दबदबा कायम रहेगा, यादव-मुस्लिम समीकरण तय करेंगे?

सारांश

बिहार के सिवान स्थित रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर राजनीतिक समीकरणों का गहरा प्रभाव है। इस सीट की विशेषताओं, सामाजिक संरचना और पूर्व के चुनाव परिणामों पर एक नजर डालते हैं। क्या राजद का दबदबा जारी रहेगा? जानें इस विश्लेषण में!

Key Takeaways

  • रघुनाथपुर विधानसभा सीट की स्थापना 1951 में हुई थी।
  • यह सीट सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
  • यादव और मुस्लिम मतदाता यहां निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
  • हाल के चुनावों में राजद की स्थिति मजबूत रही है।
  • 2020 में जेडीयू का प्रदर्शन कमजोर रहा था।

पटना, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के सिवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट उन कुछ महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जो हर चुनाव में राजनीतिक समीकरणों का स्वरूप निर्धारित करने की क्षमता रखती है। यह सीट सामान्य श्रेणी की है और इसमें रघुनाथपुर और हुसैनगंज प्रखंडों के साथ-साथ हसनपुरा प्रखंड की पांच ग्राम पंचायतें सम्मिलित हैं। यह क्षेत्र घाघरा नदी की उपजाऊ जलोढ़ भूमि में बसा है, जहां कृषि आज भी प्रमुख आजीविका का साधन बना हुआ है।

यहां की उपजाऊ मिट्टी धान, गेहूं और दालों की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। सामाजिक दृष्टि से यह क्षेत्र एक ग्रामीण परिवेश है, जहां छोटे-छोटे बाजार, पंचायत राजनीति और पारंपरिक सामाजिक ढांचे का वर्चस्व है।

भौगोलिक दृष्टि से रघुनाथपुर की दूरी सिवान शहर से लगभग 20 किलोमीटर है। छपरा, जो प्रमंडलीय मुख्यालय है, यहां से करीब 75 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है, जबकि उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित बलिया महज 45 किलोमीटर दूर है। राजधानी पटना से इसकी दूरी लगभग 150 किलोमीटर है। सिवान जंक्शन रेलवे स्टेशन इस क्षेत्र को राज्य और देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।

रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी। यहां अब तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। यह सीट सिवान लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। राजनीतिक इतिहास पर गौर करें तो प्रारंभिक दशकों में यह कांग्रेस का गढ़ रहा, जिसने यहां आठ बार जीत हासिल की। इसके बाद, बिहार की राजनीति में समाजवादी और जातीय आधार वाले दलों के उभार के साथ यहां का समीकरण भी बदला।

इसके अलावा, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल, जेडीयू, भाजपा और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी एक-एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की है। हाल के दो चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के हरि शंकर यादव ने लगातार जीत प्राप्त की है, जिससे यह क्षेत्र अब राजद का मजबूत गढ़ माना जाता है।

2024 में चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 5,14,214 है, जिसमें 2,60,256 पुरुष और 2,53,958 महिलाएं शामिल हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 3,08,263 है, जिसमें 1,57,722 पुरुष, 1,50,530 महिलाएं और 11 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। पिछले कई चुनावों में यहां मतदान प्रतिशत 53 से 55 के बीच रहा है।

जातीय और राजनीतिक समीकरणों की दृष्टि से रघुनाथपुर एक संतुलित सीट है। यहां यादव, राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, पासवान और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यादव और मुस्लिम मतों का मजबूत गठजोड़ ने पिछले दो चुनावों में राजद को फायदा पहुंचाया है।

2020 के चुनाव में जेडीयू का प्रदर्शन कमजोर रहा था। आगामी विधानसभा चुनाव राजद और एनडीए के बीच एक कड़े मुकाबले की ओर इशारा करता है, जहां गठबंधन की रणनीति, स्थानीय समीकरण और मतदाता लामबंदी निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि यादव और मुस्लिम मतदाता आगामी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस सीट पर राजद और एनडीए के बीच प्रतिस्पर्धा होगी, जो कि बिहार की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं क्या हैं?
रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में रघुनाथपुर, हुसैनगंज प्रखंड और हसनपुरा प्रखंड की पांच ग्राम पंचायतें शामिल हैं।
इस क्षेत्र की प्रमुख फसलें कौन सी हैं?
यहां धान, गेहूं और दालों की खेती प्रमुखता से होती है।
रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने मतदाता हैं?
2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, यहां कुल 3,08,263 मतदाता हैं।
राजद के उम्मीदवार कौन हैं?
राजद के हाल के दो चुनावों में उम्मीदवार हरि शंकर यादव रहे हैं।
क्या आगामी चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन बेहतर होगा?
आगामी चुनाव में एनडीए और राजद के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।