क्या रघुराज किशोर बने अभाविप के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और वीरेंद्र सिंह सोलंकी पुनर्निर्वाचित?
सारांश
Key Takeaways
- प्रो. रघुराज किशोर तिवारी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
- डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी पुनर्निर्वाचित हुए।
- अभाविप का 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन देहरादून में होगा।
- रघुराज किशोर का कृषि क्षेत्र में अनुभव।
- वीरेंद्र सोलंकी का समाज सेवा में योगदान।
नई दिल्ली, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रो. (डॉ.) रघुराज किशोर तिवारी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी को राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में फिर से चुना गया है।
बुधवार को मुंबई के केंद्रीय कार्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न हुई। प्रो. रघुराज किशोर तिवारी को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुना गया और डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी को पुनर्निर्वाचित किया गया।
निर्वाचन प्रक्रिया के चुनाव अधिकारी, प्रो. (डॉ.) मासाड़ी बापूराव, ने परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि दोनों अधिकारी उत्तराखंड के देहरादून में २८, २९ और ३० नवंबर को आयोजित होने जा रहे ७१वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने कार्यभार ग्रहण करेंगे।
प्रो. रघुराज किशोर तिवारी का जन्म मध्य प्रदेश के रीवा में हुआ। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर से कृषिविज्ञान में पीएचडी की है। वे वर्तमान में इसी विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में कृषिविज्ञान विभाग में आचार्य हैं। रघुराज किशोर १९८७ से अभाविप के सदस्य हैं और वे कृषि महाविद्यालय, रीवा के निर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष और महाकौशल प्रांत के प्रांत मंत्री भी रह चुके हैं।
उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा अपने विश्वविद्यालय का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार (२०१४) और नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय द्वारा विशिष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार (२०१६) प्राप्त हुए हैं। उनके निर्देशन में १२५ से अधिक शोध पत्र और कृषिविज्ञान विषय की ३ पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।
डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी, जो कि मध्य प्रदेश के इंदौर से हैं, ने श्री अरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से एमबीबीएस किया है और वे सामुदायिक चिकित्सा में MD कर रहे हैं। वे २०१४ से अभाविप के साथ जुड़े हैं।
डॉ. सोलंकी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में भ्रष्टाचार के खिलाफ सफल आंदोलन का नेतृत्व किया है। वे समाज के वंचित वर्ग के लिए चिकित्सीय परामर्श और औषधि वितरण का कार्य भी करते हैं। वर्तमान में वे अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री हैं।