क्या राहुल बाबा के परिवार को ही सारे अधिकार हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां राजनीतिक विमर्श को प्रभावित करती हैं।
- प्रियंका गांधी ने अपने भाई का बचाव किया है।
- सी.टी. रवि ने तीखा सवाल उठाया है।
- कर्नाटक में ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है।
- कांग्रेस का EVM के खिलाफ विरोध जारी है।
बेंगलुरु, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'चीन द्वारा भारत की जमीन पर कब्जा' संबंधी बयान पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद राजनीति में हलचल तेज हो गई है। प्रियंका गांधी ने राहुल का समर्थन करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को यह अधिकार नहीं है कि वह तय करे कि कौन देशभक्त है और कौन नहीं।
इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एमएलसी सी.टी. रवि ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पूछा, 'क्या सिर्फ राहुल बाबा के परिवार के पास ही सभी अधिकार हैं?'
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यदि सुप्रीम कोर्ट के पास कोई अधिकार नहीं है, तो क्या केवल राहुल बाबा के परिवार के पास ही सब अधिकार हैं? हम उन लोगों के बारे में क्या कहें जो सशस्त्र बलों का अपमान करते हैं, खासकर जब सुप्रीम कोर्ट सच बोलता है?'
सी.टी. रवि ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय में चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया था, लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ। मोदी के समय में किसी भी राष्ट्र में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह भारत की जमीन पर कब्जा कर सके।'
उन्होंने कर्नाटक में चल रही ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों की हड़ताल पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'हम सभी कर्मचारियों के साथ हैं। उनकी मांगें सही हैं और इन्हें पूरा करना सरकार की जिम्मेदारी है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के कारण जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। परिवहन कर्मचारियों की यूनियनों ने 38 महीनों के बकाया वेतन और जनवरी 2024 से वेतन संशोधन की मांग को लेकर हड़ताल की घोषणा की है.'
कांग्रेस के EVM के विरोध के पीछे की वजह भी बताई गई। उन्होंने कहा कि जब चुनाव बैलेट प्रक्रिया से होते थे, तब कांग्रेस वोटों में धोखाधड़ी करती थी, इसलिए अब वे EVM का विरोध कर रहे हैं। बैलेट प्रक्रिया में वोट चोरी का पूरा अवसर होता है। कांग्रेस पार्टी हमेशा से बैलेट प्रक्रिया का समर्थन करती रही है। 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल बाबा की दादी के खिलाफ निर्णय दिया था। वोट चोरी करने का ट्रैक रिकॉर्ड कांग्रेस के पास है।