क्या विदेश की धरती से देश को बदनाम करने की आदत है राहुल गांधी की?

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क्या विदेश की धरती से देश को बदनाम करने की आदत है राहुल गांधी की?

सारांश

लखनऊ में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरोपों के बाद सियासत गर्मा गई है। मंत्री जयवीर सिंह ने उन्हें बिना आधार के आरोप लगाने के लिए फटकार लगाई, जिसमें विदेशी मंचों पर दिए गए बयानों का भी जिक्र किया गया। क्या यह ताजा राजनीतिक बयानों का सिलसिला देश की राजनीति को और गर्माएगा?

Key Takeaways

  • राहुल गांधी के आरोपों पर जयवीर सिंह की तीखी प्रतिक्रिया।
  • विदेशों में दिए गए बयानों से भारत की छवि पर असर।
  • ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण योगदान।
  • कानून-व्यवस्था और सुरक्षा में कोई समझौता नहीं।

लखनऊ, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हुई चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए आरोपों को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है। उन्होंने संसद में कहा था कि प्रधानमंत्री चुनाव आयोग का दुरुपयोग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर सिंह ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी बिना किसी ठोस आधार के लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर बेबुनियाद आरोप लगाते रहते हैं।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यदि उन्हें किसी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता दिखाई देती है, तो उन्हें अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग के सामने रखना चाहिए, न कि बिना प्रमाण के जनता को गुमराह करने का प्रयास करना चाहिए।

जयवीर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी विदेशी मंचों से भी देश के खिलाफ बयान देते हैं, जो अब उनकी आदत बन चुकी है। उन्होंने उल्लेख किया कि कांग्रेस नेता केवल आरोप लगाते हैं, परंतु उनके पास किसी भी दावे का कोई ठोस सबूत नहीं होता। मंत्री ने कहा कि जनता अब ऐसे बयानों को गंभीरता से नहीं ले रही है, और इसी कारण देश और प्रदेश की जनता ने उन्हें राजनीतिक रूप से बार-बार नकारा है।

संसद सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा मतपत्र (बैलेट पेपर) से चुनाव कराने की मांग पर उन्होंने कहा कि देश तकनीक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित, सरल और पारदर्शी बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि ईवीएम का उपयोग भाजपा या पीएम मोदी द्वारा शुरू नहीं किया गया था, बल्कि यह व्यवस्था पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में लागू हुई थी। बाद में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वीवीपैट की शुरुआत की गई।

मंत्री ने बताया कि ईवीएम में गड़बड़ी के मामले में विपक्ष सुप्रीम कोर्ट भी गया था, लेकिन अदालत ने उनके दावों को खारिज कर दिया। चुनाव आयोग ने सभी दलों से सुझाव मांगे, लेकिन विपक्ष एक भी ऐसा उदाहरण प्रस्तुत नहीं कर पाया जिसमें ईवीएम में हेराफेरी प्रमाणित हो सके। इसके बावजूद राहुल गांधी और अखिलेश यादव लगातार जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगातार बेबुनियाद आरोपों के चलते जनता में विपक्ष की विश्वसनीयता कम होती जा रही है।

प्रदेश में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर मंत्री जयवीर सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि चाहे वे रोहिंग्या हों, बांग्लादेशी हों, या कोई भी घुसपैठिया, उत्तर प्रदेश किसी भी स्थिति में उन्हें संरक्षण नहीं देगा। ऐसे सभी तत्वों की पहचान की जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कानून-व्यवस्था और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और अवैध गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को राज्य में पनाह नहीं मिलेगी।

Point of View

हम मानते हैं कि इस प्रकार के आरोप और बयान राजनीतिक विमर्श को और बढ़ाते हैं। हालांकि, हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि आरोपों के साथ ठोस सबूत भी आवश्यक हैं। जनता को सही जानकारी मिलना आवश्यक है ताकि वे सही निर्णय ले सकें।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी ने किस विषय पर आरोप लगाए?
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
जयवीर सिंह ने राहुल गांधी के आरोपों पर क्या कहा?
जयवीर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी बिना किसी आधार के आरोप लगाते हैं।
क्या ईवीएम का उपयोग भाजपा द्वारा शुरू किया गया था?
नहीं, ईवीएम का उपयोग पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ था।
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