क्या राहुल गांधी सच बोल रहे हैं और चुनाव आयोग झूठ?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का आरोप, चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल।
- नाना पटोले ने सवालों को सही ठहराया।
- सुप्रीम कोर्ट की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- लोकतंत्र में वोट का अधिकार प्राथमिक है।
- जनता को अपने वोट के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
भंडारा, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता और विधायक नाना पटोले ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा उठाए गए वोट चोरी के मुद्दे को सही ठहराया है। साथ ही, उन्होंने चुनाव आयोग पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया।
पटोले ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी सच बोल रहे हैं और चुनाव आयोग झूठ का सहारा ले रहा है। यह स्पष्ट हो चुका है कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के आदेशों पर कार्य कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को फटकार लगाई है और कहा है कि ईसीआई ने अपनी वेबसाइट से वोटर लिस्ट गायब कर दी और जिंदा लोगों को मृत दिखा दिया। यदि आप (ईसीआई) इस तरह से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करते हैं, तो आप चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी करने का दावा कैसे कर सकते हैं? राहुल गांधी जनता की आवाज के साथ ही लोगों का वोट बचाने के लिए और वोटों की चोरी करने वालों को सजा देने के लिए निकल पड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट इसमें सच को सामने लाएगी और चुनाव आयोग झूठ बोल रहा है।
बिहार में कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर पटोले ने कहा, "लोकतंत्र में लोगों को उनके वोट का अधिकार होना चाहिए; अपने वोट से लोगों को सरकार बनानी चाहिए। केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग वोट की चोरी कर रहा है। जनता के वोट के अधिकार के लिए राहुल गांधी ने पदयात्रा निकाली है।"
उन्होंने कहा, "लोकतांत्रिक प्रणाली में सबसे बड़ा अधिकार लोगों के वोटों का होता है। भाजपा चुनाव आयोग के माध्यम से लोगों के वोट चुराने का काम कर रही है। लोगों को वोट का अधिकार मिलना चाहिए; यह लड़ाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं। राहुल गांधी को हम सबका समर्थन है; लोकतंत्र में लोगों को उनके वोट का अधिकार होना चाहिए। अपने मतों से लोगों को सरकार बनानी चाहिए, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में ऐसा होता नहीं दिखा है।