क्या पटना की सड़कों पर उतरे राहुल गांधी ने बिहार में हो रही चोरी की कोशिशों का खुलासा किया?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ आवाज उठाई।
- महागठबंधन ने चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
- पुलिस ने नेताओं को रोका, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
- राजनीतिक दलों को जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए।
पटना, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ महागठबंधन से जुड़े सभी दलों के प्रमुख नेता सड़कों पर उतरे। इस अवसर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी पटना पहुंचे और महागठबंधन द्वारा आयोजित विरोध मार्च में शामिल हुए।
इस विरोध मार्च में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। पटना के इनकम टैक्स चौराहे से राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और दीपांकर भट्टाचार्य एक गाड़ी पर सवार होकर चुनाव आयोग के ऑफिस की ओर निकले। पुलिस ने सभी नेताओं को सचिवालय थाने के बाद बैरिकेडिंग के जरिए रोका, और उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
यहां से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "मैं बिहार और हिंदुस्तान की जनता से स्पष्ट कह रहा हूं कि महाराष्ट्र का चुनाव चोरी से जीता गया था और बिहार में भी ऐसा ही होने की कोशिश की जा रही है। उन्हें पता है कि हमने महाराष्ट्र के मॉडल को समझ लिया है, इसलिए वे बिहार का मॉडल लेकर आए हैं। यह गरीबों के वोट को छीनने का एक तरीका है।"
राहुल गांधी ने आगे कहा, "उन्हें यह नहीं पता कि यह बिहार है और यहां की जनता ऐसा होने नहीं देगी। हमारे लोग चुनाव आयोग से मिले थे और उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग भाजपा और आरएसएस नेताओं की तरह बात कर रहा है। वे भूल गए हैं कि वे भाजपा के नेता नहीं हैं।"
उन्होंने कहा कि आपका कार्य संविधान की रक्षा करना है, और यह सही काम वे नहीं कर रहे हैं। यह केवल वर्तमान की बात नहीं है, बल्कि बिहार के लोगों के भविष्य की चोरी हो रही है। यहां के लोगों का हक और अधिकार छिना जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि आप इसकी चोरी मत होने दीजिए, महागठबंधन आपके साथ खड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि मैं कहता हूं, आपको जो करना है करिए, लेकिन बाद में कानून आप पर हावी होगा।