क्या राहुल गांधी चुनाव आयोग की धमकियों से डरने वाले हैं? केशव महतो कमलेश का बयान

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की मांग को नजरअंदाज किया है।
- केशव महतो कमलेश ने इसे केंद्र सरकार की साजिश बताया।
- राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव में धांधली का खुलासा किया।
- चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया गया।
- लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया।
रांची, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने चुनाव आयोग के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सात दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने या माफी मांगने के लिए कहा था।
कमलेश ने चुनाव आयोग के इस कदम को केंद्र सरकार की साजिश बताया है। सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक निर्भीक, निष्पक्ष और स्पष्टवादी नेता हैं और वे किसी भी धमकी से भयभीत नहीं होने वाले हैं। उन्होंने कहा, "हमारे नेता राहुल गांधी घबराने वाले नहीं हैं। वे लहरों से अठखेलियां करने वाले और तूफानों से खेलने वाले हैं।"
कमलेश ने कहा कि राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में धांधली को उजागर करके सही काम किया था। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने कर्नाटक में १,२५० वोटों की चोरी को उजागर किया है। इस खुलासे से चुनाव आयोग और केंद्र सरकार दोनों तिलमिला गए हैं।" कमलेश ने आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस दिन राहुल गांधी ने सासाराम से 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू की, उसी समय चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बयान जारी किया। इसे उन्होंने सोची-समझी साजिश करार दिया।
कमलेश ने कहा कि राहुल गांधी ने तथ्यों, प्रमाणों और सबूतों के साथ सभी धांधलियों को उजागर किया है और वह अपनी बात पर अडिग रहेंगे। एनडीए द्वारा झारखंड के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। हर पार्टी और गठबंधन को अपना उम्मीदवार तय करने का अधिकार है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी का स्टैंड क्या होगा, यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।