क्या राहुल गांधी झूठ की दुकान चला रहे हैं? : गौरव भाटिया

सारांश
Key Takeaways
- गौरव भाटिया ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी मतदान की याचिका खारिज की।
- राहुल गांधी के बयानों में असंगतता है।
- राहुल गांधी जमानत पर हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।
- भाजपा का मानना है कि जनता राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेगी।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मंगलवार को नई दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मोहब्बत नहीं, बल्कि झूठ की दुकान चला रहे हैं।
गौरव भाटिया ने कहा कि जैसा कि हम सभी ने पिछले कुछ दिनों में देखा है, एक तरफ संविधान की सच्चाई और भारत के लोगों की ताकत है और दूसरी तरफ राहुल गांधी की अराजकता का विनाशकारी मॉडल है। इसके तहत संवैधानिक संस्थाओं पर निराधार आरोप लगाना, सबूत मांगने पर भाग जाना, मांगे जाने पर हलफनामा देने से इनकार करना, हर जगह झूठ फैलाना और हर कदम पर अराजकता पैदा करना है, इसलिए उन्हें राहुल कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी महाराष्ट्र के बारे में बोल रहे हैं, और मैं आपको तारीखें नोट करा दूं। पहले, 3 फरवरी को, उन्होंने कहा कि केवल पांच महीनों में मतदाताओं की संख्या में लगभग 70 लाख की वृद्धि हुई है। फिर, 7 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या में 39 लाख की वृद्धि हुई, और बाद में, 9 जुलाई को पटना में, क्योंकि बिहार में चुनाव होने वाले थे, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या में 1 करोड़ की वृद्धि हुई है। आखिर वे क्या कहना चाहते हैं? बार-बार अपना बयान क्यों बदल देते हैं?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मैं एक डेडलाइन पढ़ूंगा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कथित फर्जी मतदान को लेकर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।' यह सोमवार का आदेश है। एक याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि महाराष्ट्र चुनाव में फर्जी मतदान हुआ और आरोप लगाया था कि 75 लाख फर्जी मतदाताओं ने समय सीमा के बाद वोट डाले थे। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस याचिका में कोई दम नहीं है और इसे खारिज कर दिया।
गौरव भाटिया ने आगे कहा, "यह याचिका बहुत ही लापरवाही से दायर की गई थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि न्यायालय ने कहा कि जब ऐसी याचिकाएं दायर की जाती हैं, तो न्यायपालिका का बहुमूल्य समय बर्बाद होता है, और यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है"
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। वे मोहब्बत की दुकान नहीं, झूठ की दुकान चला रहे हैं। राहुल गांधी कहते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो चुनाव आयोग पर कार्रवाई करेंगे, लेकिन वे खुद ही जमानत पर बाहर हैं। मुझे लगता है कि जनता उन्हें सीरियसली नहीं लेगी और कुछ दिनों में वे नेता प्रतिपक्ष भी नहीं रहेंगे।