क्या राहुल गांधी को चुनाव आयोग को अपना डाटा देना चाहिए? : केंद्रीय मंत्री नाइक

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के पास कथित तौर पर महत्वपूर्ण डाटा है।
- केंद्रीय मंत्री ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर जोर दिया।
- बिहार चुनाव में फर्जी मतदाताओं की पहचान एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
मुंबई, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में एसआईआर का मुद्दा गर्म हो गया है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर कथित तौर पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया है, जिसे 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने समर्थन किया है। इस बीच बुधवार को केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि राहुल गांधी के पास जो डाटा है, उसे चुनाव आयोग को देना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री नाइक ने महाराष्ट्र के शिरडी में साईबाबा के मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए एसआईआर मुद्दे पर राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के पास जिन लोगों की सूची है, उसे चुनाव आयोग को दे देना चाहिए, तभी आयोग उसका उत्तर दे पाएगा।
बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा 65 लाख फर्जी वोटर्स को मतदाता सूची से बाहर निकालने की प्रक्रिया पर उन्होंने कहा, "जो फर्जी वोटर्स हैं, सिर्फ उनका नाम मतदाता सूची से बाहर निकाला जाएगा। जो सही वोटर्स हैं, उनका नाम सूची से बाहर नहीं होगा। एसआईआर कराने के पीछे का मुख्य मकसद ही यही है।"
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एसआईआर मुद्दे पर राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है। पहले उन्होंने कहा कि वे संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा करेंगे, इसलिए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा हुई। फिर उन्होंने कहा कि वे 'एसआईआर' मुद्दा उठाएंगे। चुनाव आयोग जब कथित तौर पर 'वोट चोरी' के आरोप को लेकर विपक्ष से मिलने को तैयार हुआ और उनके सांसदों की सूची मांगी, लेकिन वे लोगों की सूची नहीं दे पाए और आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग ने हमें मिलने नहीं दिया।"
बता दें कि बिहार में इस साल चुनाव होना है। चुनावी साल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मामले पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आयोग और सरकार पर कथित तौर पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया है।