क्या उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी के दावों को खारिज किया?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर आरोप
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी का खंडन
- मतदाता सूची की सत्यता
- राजनीतिक विवाद की पारदर्शिता
- तथ्यों का महत्त्व
लखनऊ, ७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश का भी उल्लेख किया। इस पर यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रतिक्रिया दी और उनके दावों को खारिज कर दिया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में उत्तर प्रदेश का उल्लेख करते हुए यह दावा किया कि दो मतदाता, जिनका नाम आदित्य श्रीवास्तव पुत्र एसपी श्रीवास्तव (इपिक नंबर एफपीपी6437040) और विशाल सिंह पुत्र महिपाल सिंह (इपिक नंबर आईएनबी2722288) है, उनका नाम यूपी के साथ-साथ अन्य प्रदेशों की विधानसभाओं की मतदाता सूची में भी अंकित है। राहुल गांधी ने यह आंकड़े १६ मार्च २०२५ को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से निकाले हुए दिखाए हैं।
उन्होंने बताया कि आदित्य श्रीवास्तव का नाम चार स्थानों पर अंकित है। उनका नाम मुंबई सब अर्बन की विधानसभा १५८ जोगेश्वरी ईस्ट की बूथ संख्या १९७ के क.सं. ८७७, बेंगलुरु अर्बन की विधानसभा १७४ महादेवपुरा की बूथ संख्या ४५८ के क.सं. १२६५, बूथ सं. ४५९ के क.सं. ६७८ और लखनऊ की विधानसभा १७३ लखनऊ पूर्व की बूथ संख्या ८४ के क.सं. ६३० पर अंकित है। वहीं, विशाल सिंह के नाम का उल्लेख तीन स्थानों पर किया गया है, जिसमें बेंगलुरु की विधानसभा १७४ महादेवपुरा की बूथ संख्या ५१३ के क.सं. ९२६, बूथ संख्या ३२१ के क.सं. ८९४ और वाराणसी की विधानसभा ३९० वाराणसी कैंट की बूथ संख्या ८२ के क.सं. ५१६ शामिल है।
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आदित्य श्रीवास्तव और विशाल सिंह के इपिक नंबरों को वोटर्स.ईसीआई.गॉव.इन पर खोजा गया, तो पता चला कि आदित्य का नाम बेंगलुरु अर्बन की विधानसभा १७४ महादेवपुरा की बूथ संख्या ४५८ के क.सं. १२६५ में और विशाल सिंह का नाम बेंगलुरु की विधानसभा १७४ महादेवपुरा में बूथ संख्या ५१३ क.सं. ९२६ पर ही अंकित है। उनका नाम उत्तर प्रदेश की विधानसभा १७३ लखनऊ पूर्व और विधानसभा ३९० वाराणसी कैंट में अंकित नहीं है। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश के बारे में प्रस्तुत तथ्यों को गलत पाया गया।