क्या राहुल गांधी को देश और संविधान की समझ नहीं है? मनीषा कायंदे का सवाल

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी को संविधान की समझ नहीं है, यह मनीषा का कहना है।
- उदित राज का बयान सियासत को गर्माता है।
- हिंदुत्व की परिभाषा पर भी सवाल उठाए गए हैं।
- मराठी सिनेमा को उचित सम्मान मिलना चाहिए।
- राजनीतिक बयानबाजी से जनता का ध्यान भटकता है।
मुंबई, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा दिए गए एक बयान ने सियासी हलचल पैदा कर दी है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की तुलना संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर से की। इस पर शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें देश और संविधान की ठीक से समझ नहीं है।
मनीषा कायंदे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि राहुल गांधी को इस देश और संविधान का ज्ञान नहीं है। उनके पास संविधान की एक किताब है, जिसके सभी पन्ने खाली हैं। वे बस किताब लेकर एक झूठा नैरेटिव गढ़ते हैं। राहुल गांधी की बाबासाहेब आंबेडकर से तुलना करना हास्यास्पद है। कुछ कांग्रेस नेता ऐसी तुलना कर रहे हैं, उन्हें अपनी बुद्धिमत्ता पर विचार करना चाहिए।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में आरएसएस और हिंदुत्व पर मनीषा कायंदे ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का असली हिंदुत्व अगर किसी ने छोड़ा है तो वह उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने छोड़ा है। कांग्रेस से हाथ मिलाना, मौलवियों से मुलाकात करना क्या यही हिंदुत्व है? मुसलमानों से मिलना कोई पाप नहीं है, लेकिन उद्धव ठाकरे ने झूठा नैरेटिव तैयार किया, जिसका नतीजा विधानसभा में उनकी करारी हार के रूप में सामने आया।
राहुल गांधी को ओबीसी से माफी मांगने को लेकर मनीषा ने कहा कि उन्हें केवल ओबीसी से ही नहीं, बल्कि कई अन्य समूहों से भी माफी मांगनी चाहिए। शाहबानों केस में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर क्या वे मुसलमानों से माफी मांगेंगे? कांग्रेस ने मुसलमानों को केवल वोट बैंक समझा है। राहुल ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस और उन्होंने पिछड़े वर्गों के लिए उतना कार्य नहीं किया जितना होना चाहिए था।
अंत में, मराठी फिल्मों को पीवीआर में स्क्रीन न मिलने पर मनीषा ने कहा कि मराठी सिनेमा को मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम स्लॉट मिलना चाहिए। शिवसेना ने इसके लिए आंदोलन किया है और सरकार से भी अपील की है। अब वक्त है कि थिएटर मालिकों को मराठी मानुष की ताकत दिखाई जाए।
राहुल की बाबासाहेब आंबेडकर से तुलना पर भाजपा नेता अमर कुमार बाउरी ने कहा कि यह डॉ. आंबेडकर का अपमान है। उदित राज जैसे लोग, जिन्हें कभी दलितों का प्रतिनिधि माना जाता था, अब सत्ता की लालच में गिर गए हैं। क्या राहुल गांधी का व्यक्तित्व आंबेडकर की महानता के बराबर है? यह सवाल महत्वपूर्ण है।