क्या शांतिप्रिय भारत में राहुल गांधी आग लगाना चाहते हैं? : रामेश्वर शर्मा

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के जेन-जी पोस्ट पर भाजपा नेता का कड़ा ऐतराज।
- सत्ता की लालसा में अराजकता फैलाने का आरोप।
- राहुल गांधी के बयानों का देश पर प्रभाव पड़ सकता है।
- कांग्रेस नेताओं को राहुल को समझाने की आवश्यकता।
- न्यायपालिका से राहुल की गतिविधियों पर नज़र रखने का अनुरोध।
भोपाल, १९ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के जेन-जी के संदर्भ में किए गए सोशल मीडिया पोस्ट पर भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा ने तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का यह पोस्ट सत्ता की लालसा में अराजकता फैलाने का प्रयास है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को एक्स पर जेन-जी यानी युवा पीढ़ी के बारे में पोस्ट करते हुए लिखा कि देश के युवा, छात्र और जेन-जी संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र की सुरक्षा करेंगे और वोटों की चोरी को रोकेंगे। मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूँ। जय हिंद।
भोपाल में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को राहुल गांधी को समझाना चाहिए।
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सत्ता की लालसा किस हद तक जा सकती है, यह इस पोस्ट से स्पष्ट है।
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि राहुल कभी आतंकवाद की भाषा बोलते हैं, कभी कम्युनिज़्म और कभी मार्क्सवाद की। ये शहीदों के सपनों के देश को जलाना चाहते हैं। सत्ता की लालसा में यह शांति प्रिय देश में अलगाववाद और आग लगाना चाहते हैं। उन्हें अपने पोस्ट के लिए शर्म आनी चाहिए और अपने पूर्वजों को याद करना चाहिए।
भाजपा नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से अपील की कि वे राहुल को नियंत्रित करें। उन्हें अपने पुत्र को हिंदुस्तान के बारे में समझाना चाहिए। राहुल गांधी महात्मा गांधी के सपनों को जलाने का प्रयास कर रहे हैं। वे लोकतंत्र को खत्म करना और न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाना चाहते हैं।
उन्होंने सवाल किया कि क्या नेहरू और इंदिरा गांधी ने इसी लोकतंत्र की उम्मीद की थी कि लोग मारेंगे और सत्ता हासिल करेंगे?
न्यायपालिका से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की गतिविधियों पर नज़र रखी जाए और उन्हें नोटिस जारी कर यह पूछा जाए कि उनकी इस मानसिकता के पीछे कौन सा देश खड़ा है। राहुल गांधी की मानसिकता देश के लिए ठीक नहीं है।