क्या राहुल गांधी का संवैधानिक संस्थाओं पर हमला पुराना शगल है? : बृजेश पाठक

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की विचारधारा पर सवाल उठाए गए हैं।
- बृजेश पाठक ने संवैधानिक संस्थाओं पर हमलों को पुराना शगल बताया।
- आगामी चुनावों में जनता की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।
- कांग्रेस के शासनकाल में मतदान के अधिकार का हनन हुआ।
- प्रधानमंत्री मोदी की मॉनिटरिंग की सराहना की गई।
लखनऊ, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर गुरुवार को निशाना साधा। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करना राहुल गांधी का एक पुराना शगल बन चुका है, जिसे अब देश की जनता किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि ये वही राहुल गांधी हैं, जब चुनाव जीत जाते हैं तो आयोग और देश की चुनाव प्रणाली की तारीफ में कसीदे पढ़ते हैं और जब हार जाते हैं तो उसकी आलोचना करते हैं। मैं समझता हूं कि अब देश की जनता राहुल गांधी की विचारधारा को समझ चुकी है। लिहाजा अब उन्हें कुछ भी फायदा नहीं मिलने वाला है।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दावा किया कि राहुल गांधी को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव सहित अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान जनता मुंहतोड़ जवाब देने वाली है। देश की जनता अब राहुल गांधी के दोहरे पैमाने से अवगत हो चुकी है।
राहुल गांधी एक ऐसे नेता रहे हैं, जिन्हें लोकतंत्र के हितों से कभी कोई लेना देना नहीं है। इसी को देखते हुए अब देश की जनता ने उन्हें खारिज करने का मन बना लिया है।
बृजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी के पास किसी भी विषय को लेकर पुख्ता जानकारी नहीं है। वे सिर्फ हवा हवाई बातें कर रहे हैं और गौर करने वाली बात है कि देश की जनता अब उनके मंसूबों से वाकिफ हो चुकी है। ऐसी स्थिति में उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला।
अगर उन्हें लगता है कि ऐसा करके वह राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में करने में सफल रहेंगे तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह उनकी गलतफहमी है और उन्हें इससे बाहर आ जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर राहुल गांधी के पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई प्रमाण है तो उसे निसंदेह देश के सामने पेश करें।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इतने लंबे समय तक देश की सत्ता पर काबिज रही। पूरे देश इस बात को जानता है कि किस तरह से कांग्रेस के शासनकाल में आम लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जाता था। उन्हें वोट डालने से रोका जाता था, जबकि मतदान करना सभी का मौलिक अधिकार होता है, लेकिन इस मौलिक अधिकार से देश की जनता को वंचित किया गया। इतना ही नहीं, कांग्रेस के शासनकाल में बूथ कैप्चरिंग होती थी।
बृजेश पाठक ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी फर्जी मतदाता मतदान नहीं कर सके और अब सबकुछ संभव हो सका बेहतर मॉनिटरिंग के दम पर।"
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने देश के घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। देश में रह रहे घुसपैठियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्हें मतदान से वंचित किया जा रहा है तो इससे कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। उन्हें तो इस बात का स्वागत करना चाहिए।