क्या भारतीय रेलवे की चार प्रमुख मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएँ हजारों गाँवों को लाभ पहुँचाएँगी?

Click to start listening
क्या भारतीय रेलवे की चार प्रमुख मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएँ हजारों गाँवों को लाभ पहुँचाएँगी?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने चार प्रमुख मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे हजारों गाँवों का विकास होगा और रेल संपर्क में सुधार होगा। जानें कैसे ये परियोजनाएँ लोगों के जीवन को बदलेंगी।

Key Takeaways

  • 24,634 करोड़ रुपए की लागत वाली चार परियोजनाएँ
  • लगभग 3,633 गाँवों को लाभ
  • रेल संपर्क में सुधार
  • नए रोजगार के अवसर
  • पर्यावरण अनुकूल परिवहन

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मंगलवार को रेल मंत्रालय के 24,634 करोड़ रुपए के परिव्‍यय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी।

इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में 24,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली भारतीय रेलवे की चार प्रमुख मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं की कैबिनेट मंजूरी से हजारों गाँवों को लाभ होगा। इससे रेल संपर्क मजबूत होगा, भीड़भाड़ कम होगी और प्रधानमंत्री गति शक्ति के तहत रसद दक्षता में वृद्धि होगी। अन्य लाभों में बेहतर यात्री सुविधा, माल ढुलाई और लोगों के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं।

इन परियोजनाओं में महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल के बीच 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में 84 किलोमीटर लंबी गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन, गुजरात और मध्य प्रदेश में 259 किलोमीटर लंबी वडोदरा-रतलाम तीसरी और चौथी लाइन और मध्य प्रदेश में 237 किलोमीटर लंबी इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन शामिल हैं।

इन चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी। स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3,633 गाँवों, जिनकी जनसंख्या लगभग 85 लाख 84 हजार है, तथा दो आकांक्षी जिलों, विदिशा और राजनांदगांव तक संपर्क बढ़ेगा।

लाइन क्षमता में बढ़ोत्तरी से गतिशीलता बढ़ेगी, जिससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। मल्‍टी ट्रैकिंग (पटरियों की संख्या बढ़ाना) प्रस्ताव परिचालन सुगम बनाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप इन परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों का व्यापक विकास होगा, वे आत्मनिर्भर बनेंगे और उनके लिए रोजगार-स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार की गई इन परियोजनाओं का उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि करना है। ये परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं को निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी।

परियोजना खंड सांची, सतपुड़ा बाघ अभयारण्य, प्रागैतिहासिक मानव जीवन के प्रमाणों और प्राचीन शैल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध भीमबेटका शैलाश्रय, हजारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान आदि प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करेगी, जो देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करेगी।

यह कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न, इस्पात आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए भी आवश्यक मार्ग है। पटरियों की संख्या बढ़ाए जाने से प्रति वर्ष 78 मिलियन टन की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे के पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण यह देश के जलवायु लक्ष्यों और परिचालन लागत कम करने, तेल आयात (28 करोड़ लीटर) में कमी लाने और कार्बन उत्सर्जन 139 करोड़ किलोग्राम कम करने में मदद करेगा, जो छह करोड़ वृक्षारोपण के बराबर है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि भारतीय रेलवे की यह पहल न केवल परिवहन क्षेत्र को सुदृढ़ करेगी, बल्कि ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह परियोजनाएँ विकास की नई राहें खोलेंगी और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इन परियोजनाओं का उद्देश्य रेलवे के नेटवर्क को विस्तारित करना और लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करना है।
कितने गाँवों को इससे लाभ होगा?
लगभग 3,633 गाँवों को इन परियोजनाओं से लाभ होगा।
ये परियोजनाएँ कितने राज्यों में फैली हुई हैं?
ये परियोजनाएँ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में फैली हुई हैं।
Nation Press