क्या अंडर-17 कुश्ती चैंपियनशिप के विजेताओं को मिला खास तोहफा और संसद भवन का दौरा?

सारांश
Key Takeaways
- अश्विनी और कोमल वर्मा ने संसद भवन का दौरा किया।
- केंद्रीय खेल मंत्री ने खिलाड़ियों को बधाई दी।
- राजस्थान कुश्ती संघ ने खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं प्रदान की।
- राजस्थान ने कुश्ती में कई पदक जीते।
- युवाओं को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान कुश्ती संघ के अध्यक्ष राजीव दत्ता ने 'अंडर-17 कुश्ती विश्व चैंपियनशिप' में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली युवा खिलाड़ियों, अश्विनी और कोमल वर्मा, को संसद भवन का भ्रमण कराया। इस अवसर पर दोनों खिलाड़ियों ने केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की। खेल मंत्री ने इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इन दोनों खिलाड़ियों की केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, महाराष्ट्र विधान सभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और लोक सभा सांसद जगदंबिका पाल से भी मुलाकात हुई।
28 जुलाई से 3 अगस्त 2025 तक एथेंस में आयोजित अंडर-17 कुश्ती विश्व चैंपियनशिप में राजस्थान के खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है।
अश्विनी ने 65 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक, कोमल वर्मा ने 49 किग्रा फ्री स्टाइल में कांस्य पदक, और भीलवाड़ा की कशिश गुर्जर ने क्वार्टर फाइनल तक शानदार सफर तय किया।
सीकर की रहने वाली कोमल वर्मा पिछले 6 वर्षों से कुश्ती में सक्रिय हैं। वहीं, भीलवाड़ा की अश्विनी के पिता एक मिल में मजदूर हैं।
राजस्थान कुश्ती संघ के अध्यक्ष राजीव दत्ता के नेतृत्व में संघ ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनके कार्यकाल में पहली बार तीन लड़कियों ने अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
राजीव दत्ता ने बताया कि राजस्थान कुश्ती संघ ने इन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, आवास, भोजन और अन्य सभी खर्चों का वहन किया है।
इसके अतिरिक्त, संघ ने प्रोत्साहन के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक विजेताओं को 1 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 50 हजार रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 25 हजार रुपये की पुरस्कार राशि देने की व्यवस्था शुरू की है।
हाल ही में पटना में आयोजित 'खेलो इंडिया नेशनल गेम्स' में भी राजस्थान ने कुश्ती में 9 पदक जीते, जिसमें अश्विनी को स्वर्ण, कोमल और कशिश को कांस्य पदक प्राप्त हुए। कुल मिलाकर, राजस्थान ने सभी खेलों में 60 पदक हासिल किए, जिनमें कुश्ती का योगदान उल्लेखनीय रहा।
राजस्थान कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने बताया कि उनका लक्ष्य युवा प्रतिभाओं को हर संभव सहयोग प्रदान करना है, ताकि खिलाड़ी वैश्विक मंच पर देश का गौरव बढ़ाएं। अश्विन, कोमल और कशिश की उपलब्धियां गर्व का विषय हैं।