क्या राजस्थान में उद्योग और रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार ने नई पहल की है? : मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान में रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई पहल की गई है।
- सरकार ने जमीन की समस्या का समाधान करने के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं।
- छोटे उद्योगों को तेजी से काम शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
- निजी औद्योगिक पार्कों और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
- दिसंबर 2025 में पार्टनरशिप समिट का आयोजन होगा।
जयपुर, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सोमवार को स्पष्ट किया कि राज्य में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के लिए उद्योगों और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देना आवश्यक है। इसके लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें 'राइजिंग राजस्थान' पहल एक प्रमुख कदम है।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सरकार का ध्यान कारोबार को सरल और कम खर्चीला बनाने पर केंद्रित है। उद्योग स्थापित करने में सबसे बड़ी बाधा जमीन की उपलब्धता थी, जिसे दूर करने के लिए सरकार ने कई नीतियाँ बनाई हैं। इन नीतियों से नियम स्पष्ट हुए हैं और एक नया आईटी ढांचा तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से विभाग अपने दफ्तरों से ही रुकावटों को पहचान कर उनका समाधान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को भी अपनी फाइलों की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक करने की सुविधा दी गई है। हर मंगलवार को बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें 'राइजिंग राजस्थान' के तहत हुए एमओयू (समझौता ज्ञापनों) को धरातल पर उतारने पर चर्चा होती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा करते हैं, लेकिन राठौर ने अपने विभाग को 20 करोड़ रुपए, 50 करोड़ रुपए और 100 करोड़ रुपए की छोटी परियोजनाओं पर भी ध्यान देने का निर्देश दिया है।
मंत्री ने कहा कि छोटे उद्योग और सेवा क्षेत्र रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनका काम तेजी से शुरू किया जा सकता है। जमीन से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए सरकार रीको (राजस्थान औद्योगिक विकास निगम) के औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर विकसित कर रही है। साथ ही, एक लैंड बैंक तैयार किया जा रहा है, जिसमें राजस्व विभाग की जमीन को रीको के तहत लाकर विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कुछ उद्योगपति जल्दी काम शुरू करना चाहते हैं। इसलिए, सरकार अब अविकसित जमीन भी उद्योगपतियों को देगी, जो इसे स्वयं विकसित कर सकेंगे। सरकार निजी औद्योगिक पार्कों, कंटेनर डिपो और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा दे रही है। उद्योग की परिभाषा को भी स्पष्ट करने की प्रक्रिया चल रही है, ताकि विभिन्न व्यवसायों और सेवाओं को औद्योगिक लाभ मिल सके। दिसंबर 2025 में होने वाली पार्टनरशिप समिट से पहले ये सभी काम पूरे किए जाएंगे, जिससे राजस्थान में उद्योग और रोजगार को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।