क्या थीं राजमाता जीजाबाई, जिनकी शिक्षाओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज को महान योद्धा बनाया?

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क्या थीं राजमाता जीजाबाई, जिनकी शिक्षाओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज को महान योद्धा बनाया?

सारांश

राजमाता जीजाबाई का योगदान छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता में अनमोल है। उन्होंने अपने अद्वितीय शिक्षाओं से शिवाजी को एक महान योद्धा बनाया। जानिए उनकी प्रेरक कहानी और उनके महत्व को।

Key Takeaways

  • राजमाता जीजाबाई का जीवन स्वराज की कहानी का अभिन्न हिस्सा है।
  • उन्होंने शिवाजी महाराज को स्वतंत्रता और धर्म का महत्व सिखाया।
  • जीजाबाई का योगदान इतिहास में अमर है।
  • उनकी शिक्षाएं आज भी प्रेरणादायक हैं।
  • बच्चों की परवरिश में माताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। जब हम मराठा साम्राज्य की चर्चा करते हैं, तो छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के नाम अवश्य आते हैं। ये दोनों वीर योद्धा हैं, जिन्होंने स्वराज की स्थापना और उसे अपने रक्त एवं शौर्य से संजोया। लेकिन, इस ऐतिहासिक साम्राज्य की नींव में एक महान महिला का योगदान है, जिसे भुलाना संभव नहीं। राजमाता जीजाबाई, जो कि मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की माता और शाहजी भोंसले की पत्नी थीं।

जीजाबाई एक अद्वितीय महिला थीं, जिन्होंने महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को जन्म दिया और अदम्य साहस, बुद्धिमत्ता और धर्मनिष्ठा के साथ मराठा साम्राज्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके मार्गदर्शन और शिक्षाओं ने शिवाजी को वह दृष्टि और साहस प्रदान किया, जिसने मराठा साम्राज्य को अपराजेय बनाया और संभाजी महाराज ने इस विरासत को आगे बढ़ाया। जीजाबाई का जीवन मराठा गौरव का एक ऐसा आधार है, जिसके बिना स्वराज की कहानी अधूरी है।

जीजाबाई का जन्म १२ जनवरी १५९८ को महाराष्ट्र के सिन्दखेड़ में जाधव परिवार में हुआ था। उनके पिता लखुजी जाधव एक प्रभावशाली मराठा सरदार थे। बचपन से ही जीजाबाई में साहस, बुद्धि और धर्म के प्रति गहरी निष्ठा थी। उनकी शिक्षा में युद्धकला, शास्त्रों का ज्ञान और प्रशासनिक कौशल शामिल थे, जो उस समय की महिलाओं के लिए असाधारण था।

जीजाबाई की बहुत कम उम्र में शाहजी भोंसले से शादी हुई, जो निजामशाही सल्तनत के एक प्रमुख सरदार थे। जीजाबाई ने आठ बच्चों को जन्म दिया, जिनमें से छह बेटियां और दो बेटे थे। इनमें से एक छत्रपति शिवाजी महाराज थे। जीजाबाई ने अपने बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान दिया, खासकर शिवाजी को उन्होंने स्वराज की स्थापना के लिए तैयार किया। शाहजी के अधिकांश समय युद्धों और राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त रहने के कारण, जीजाबाई ने ही परिवार और शिवाजी के प्रारंभिक प्रशिक्षण की जिम्मेदारी संभाली।

कहा जाता है कि जीजाबाई ने शिवाजी को बचपन से ही वीरता, धर्म और स्वतंत्रता के आदर्श सिखाए। उन्होंने रामायण, महाभारत और पुराणों की कहानियों के माध्यम से शिवाजी में देशभक्ति और नैतिकता के बीज बोए। जब शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की स्थापना का संकल्प किया, तब जीजाबाई न केवल उनकी प्रेरणा बनीं, बल्कि कठिन समय में उनकी सलाहकार भी रहीं। उन्होंने पुणे और आसपास के क्षेत्रों का प्रशासन संभाला और किलों की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जीजाबाई धार्मिक थीं और हिंदू धर्म के प्रति उनकी अटूट निष्ठा थी। उन्होंने मंदिरों के निर्माण और धार्मिक कार्यों को प्रोत्साहित किया। साथ ही, वह सामाजिक समानता और न्याय की पक्षधर भी थीं, जिसका प्रभाव शिवाजी के शासन में भी दिखाई देता है।

जीजाबाई का निधन १७ जून १६७४ को रायगढ़ किले में हुआ। उनकी मृत्यु के समय तक शिवाजी ने मराठा साम्राज्य को एक मजबूत साम्राज्य के रूप में स्थापित कर लिया था, जिसमें उनकी मां की शिक्षाओं और मार्गदर्शन का बड़ा योगदान था।

Point of View

NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

राजमाता जीजाबाई का जन्म कब हुआ था?
राजमाता जीजाबाई का जन्म 12 जनवरी 1598 को हुआ था।
जीजाबाई का योगदान क्या था?
जीजाबाई ने शिवाजी को वीरता, धर्म और स्वतंत्रता के आदर्श सिखाए और उनके नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जीजाबाई का निधन कब हुआ?
जीजाबाई का निधन 17 जून 1674 को हुआ।
जीजाबाई ने शिवाजी को कौन से पाठ पढ़ाए?
उन्होंने रामायण, महाभारत और पुराणों के माध्यम से शिवाजी में देशभक्ति और नैतिकता के बीज बोए।
जीजाबाई का परिवार कौन था?
जीजाबाई का परिवार जाधव परिवार से था और उनकी शादी शाहजी भोंसले से हुई थी।