क्या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 16 दिसंबर को रक्षा संपदा दिवस समारोह का शुभारंभ करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल और तकनीक-सक्षम भूमि प्रबंधन पर जोर
- रक्षा मंत्री पुरस्कार का वितरण
- रक्षा संपदा विभाग की 100वीं वर्षगांठ
- ई-छावनी परियोजना की सफलता
- भविष्य के लिए भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 16 दिसंबर को दिल्ली कैंटोनमेंट में आयोजित होने वाले डिफेंस एस्टेट्स डे समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इस अवसर पर वह डिजिटल और तकनीक-सक्षम भूमि प्रबंधन पर अपने विचार साझा कर सकते हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सोमवार को एक बयान में कहा गया कि वह देश भर में फैले 61 कैंटोनमेंट बोर्ड के डिफेंस लैंड मैनेजमेंट और म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पब्लिक सर्विस में एक्सीलेंस के लिए 'रक्षा मंत्री पुरस्कार' देंगे।
इस साल का समारोह, जो रक्षा संपदा भवन में होगा, खास महत्व रखता है क्योंकि डिपार्टमेंट अपने 100वें साल में कदम रख रहा है और उस विरासत को याद कर रहा है जिसकी शुरुआत 1765 में हुई थी, जब पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में पहला कैंटोनमेंट स्थापित किया गया था।
अगले डेढ़ सौ सालों में दानापुर (1766), मेरठ (1803), अंबाला (1843) और दिल्ली (1915) जैसे कैंटोनमेंट बनते गए। इनसे भारत में रक्षा भूमि और प्रशासन की नींव पड़ी। बाद में 16 दिसंबर 1926 को इस विभाग को आधिकारिक रूप से 'लैंड एंड कैंटोनमेंट्स विभाग' के नाम से रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित किया गया।
आज रक्षा संपदा विभाग (डिफेंस एस्टेट्स डिपार्टमेंट) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन सबसे बड़ी भूमि का प्रबंधन करता है। पुरानी परंपरा होने के बावजूद, इस विभाग ने आधुनिकीकरण की शानदार यात्रा की है और डिजिटल तथा तकनीकी आधारित भूमि प्रबंधन में अग्रणी बन गया है।
विभाग ने 'ई-छावनी' परियोजना सफलतापूर्वक लागू की है, जिससे कैंटोनमेंट के लगभग 20 लाख निवासियों को सभी नगरपालिका सेवाएं 100 प्रतिशत ऑनलाइन उपलब्ध हो गई हैं।
जल संरक्षण और जल निकायों को फिर से जीवित करने की दिशा में विभाग के प्रयासों को उच्चतम स्तर पर सराहा गया है, क्योंकि इसे जल संचय जन भागीदारी के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार मिला है।
विभाग ने पुराने भूमि रिकॉर्ड का पूरी तरह से डिजिटलीकरण किया है, जिससे भविष्य के लिए उनका संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
पूरे फाइल प्रबंधन सिस्टम को आधुनिक बनाया गया है, जिसमें देश भर में एक सुरक्षित, तकनीकी-आधारित फाइल प्रबंधन सिस्टम को अपनाया गया है, जिससे बिना किसी रुकावट के फ़ाइलों को ढूंढना और सुरक्षित रूप से आर्काइव करना संभव हो सके।
एक सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म 'रक्षा भूमि', जो सुरक्षित सर्वर पर होस्ट किया गया है, अब सभी रक्षा भूमि रिकॉर्ड के लिए एक यूनिफाइड रिपॉजिटरी के रूप में काम करता है।
विभाग ने सटीकता को मजबूत करने के लिए कंटीन्यूअसली ऑपरेटिंग रेफरेंस स्टेशन-इनेबल्ड डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम-आधारित टूल्स और हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी को बड़े पैमाने पर अपनाकर भूमि सर्वेक्षण में मुख्य दक्षता हासिल की है।
रक्षा भूमि प्रबंधन के लिए अगली पीढ़ी के समाधान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग और उभरती हुई टेक्नोलॉजी का लाभ उठाते हुए सैटेलाइट और मानवरहित रिमोट वाहन पहल पर एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस.