क्या राज्य सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव सहयोग करेगी?: सीएम हेमंत सोरेन

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क्या राज्य सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव सहयोग करेगी?: सीएम हेमंत सोरेन

सारांश

झारखंड में 'ईस्ट टेक सिम्पोजियम-2025' का उद्घाटन समारोह हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आत्मनिर्भरता के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की पुष्टि की। यह आयोजन रक्षा क्षेत्र में नए आयाम जोड़ने का अवसर प्रस्तुत करता है। जानिए इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के बारे में और कैसे झारखंड का डिफेंस सेक्टर आगे बढ़ सकता है।

Key Takeaways

  • झारखंड में 'ईस्ट टेक सिम्पोजियम-2025' का आयोजन
  • रक्षा क्षेत्र के लिए आत्मनिर्भरता का संकल्प
  • राज्य सरकार का उद्योगों के प्रति सहयोग
  • यूरेनियम एवं रॉ मटेरियल की प्रचुरता
  • एचईसी का महत्व और संभावित सुधार

रांची, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव, रांची में आयोजित 'ईस्ट टेक सिम्पोजियम-2025' (डिफेंस एक्सपो) कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। वीर टाना भगत इंडोर स्टेडियम में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा 'ईस्ट टेक सिम्पोजियम-2025' का ऐतिहासिक आयोजन किया जा रहा है। यह एक विशिष्ट कार्यक्रम है, जिसमें रक्षा क्षेत्र के कई नए आयाम जोड़ने की पहल की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस आयोजन के उद्देश्यों को पूरा करने में हमें सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड ने देश को बहुत कुछ दिया है, और इस राज्य में डिफेंस सेक्टर से जुड़े उद्योगों के विस्तार की प्रबल संभावनाएं हैं। हमारी सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र के साथ पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड संभावनाओं का प्रदेश है। यहां रक्षा सेक्टर में उपयोग होने वाले रॉ मटेरियल प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। यूरेनियम की भी यहाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कई बड़े उद्योग संस्थान स्थापित हुए हैं, और इस राज्य ने उद्योग के क्षेत्र में भी अलग पहचान बनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार गलत नीति निर्धारण के कारण कुछ चीजें समाप्त होती नजर आती हैं। एचईसी जैसे उद्योग संस्थान रांची में स्थापित हैं, जिनके सहयोग से कई अन्य औद्योगिक संस्थाएं आगे बढ़ी हैं। एचईसी सैटेलाइट और परमाणु कॉम्पोनेंट्स बनाने में अहम भूमिका निभाता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचईसी की स्थिति आज बहुत अच्छी नहीं है, यह जानकर दुख होता है कि यह बड़े संस्थान आज उम्मीद के मुताबिक नहीं चल पा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार को मिलकर उद्योग संस्थाओं को आगे बढ़ाने के लिए समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि उद्योग के क्षेत्र में राज्य और देश आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि मिलकर प्रयास करने से डिफेंस इंडस्ट्री में नए आयाम जोड़े जा सकते हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि यह खुशी की बात है कि भारतीय सशस्त्र सेना के रक्षा प्रमुख हमारे बीच उपस्थित हैं। एमएसएमई क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास एक सकारात्मक पहल हैं। राज्य सरकार की ओर से डिफेंस सेक्टर को पूरा सहयोग दिया जाएगा।

इस अवसर पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने डिफेंस एक्सपो का अवलोकन किया। इस डिफेंस एक्सपो में देशभर से रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, औद्योगिक संस्थाएं, तकनीकी संस्थान तथा लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े लोग शामिल हुए।

इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, भारतीय सशस्त्र सेना के रक्षा प्रमुख (सीडीएस) अनिल चौहान, मुख्य सचिव झारखंड अलका तिवारी, पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी, पूर्वी कमान एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ सूरत सिंह, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरीय अधिकारी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

Point of View

जो न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी योगदान कर सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग से आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

ईस्ट टेक सिम्पोजियम-2025 का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में नए आयाम जोड़ना और उद्योगों को प्रोत्साहित करना है।
राज्य सरकार का रक्षा क्षेत्र में क्या योगदान है?
राज्य सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र के साथ सहयोग कर रही है।
झारखंड में रक्षा उद्योग की संभावनाएं क्या हैं?
झारखंड में उपयोगी रॉ मटेरियल और उद्योगों का विकास होने की प्रबल संभावनाएं हैं।