क्या राम मंदिर में ध्वजारोहण देश के लिए गर्व का पल है?: मुख्तार अब्बास नकवी
सारांश
Key Takeaways
- राम मंदिर का ध्वजारोहण गर्व का क्षण है।
- प्रधानमंत्री मोदी का योगदान महत्वपूर्ण है।
- विपक्ष ने हमेशा राम मंदिर निर्माण में बाधाएँ डालीं।
- बीएलओ की भूमिका चुनाव में महत्वपूर्ण है।
- देश की एकता के प्रतीक के रूप में राम मंदिर को देखा जाता है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या में शानदार राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण को भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने गर्व का क्षण करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह पल हर भारतीय के लिए विशेष गर्व का है।
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "यदि प्रधानमंत्री मोदी नहीं होते, तो मुझे लगता है कि राम जन्मभूमि के लिए बलिदान देने वाले लोगों को और कितना अधिक इंतज़ार करना पड़ता। इसलिए यह बहुत खुशी का अवसर है।"
उन्होंने कहा कि कोर्ट के सर्वसम्मति फैसले के बाद भी, मुझे नहीं लगता कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नहीं होते, तो राम मंदिर का निर्माण संभव हो पाता। इतने कम समय में जो बाधाएं थीं, वे समाप्त हो जातीं। इसीलिए यह पल गौरवपूर्ण है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लोगों को विपक्ष के बयानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी को पसंद किया और उन्हें वोट देकर जिताया। उन्हें पता था कि वही राम मंदिर का निर्माण कर सकते हैं। अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री न होते, तो उन्हें अभी और इंतज़ार करना पड़ता।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग हमेशा से राम मंदिर के निर्माण में बाधा डालने का प्रयास कर रहे थे। इनका उद्देश्य था कि राम मंदिर का निर्माण न हो और हिंदू परेशान रहें, लेकिन भाजपा सरकार ने हिंदुओं की आवाज़ को समझा। इसीलिए जनता भाजपा को पसंद कर रही है।
एसआईआर पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग अब बीएलओ को डराने की कोशिश कर रहे हैं और संविधानिक प्रक्रिया में रुकावट डालने का प्रयास कर रहे हैं। इन लोगों को यह नहीं पता कि उन्हें इसमें कभी सफलता नहीं मिलने वाली है। देश के लिए एसआईआर आवश्यक है और यह होकर रहेगा।
उन्होंने कहा कि बीएलओ को चुनाव आयोग की तरफ से जो भी जिम्मेदारी दी जा रही है, वे लोग शांति से अपना काम कर रहे हैं। बस कुछ बीएलओ को भड़काकर गुमराह किया जा रहा है। ऐसा काम विपक्ष पहले भी कर चुका है।