क्या बिहार की 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों को पूरा समर्थन देंगे रामदास आठवले?

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क्या बिहार की 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों को पूरा समर्थन देंगे रामदास आठवले?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव 2023 के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने एनडीए की जीत का विश्वास व्यक्त किया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी 243 सीटों पर एनडीए का समर्थन करने की बात कही। क्या यह चुनाव बिहार में एनडीए के लिए नई जीत लाएगा?

Key Takeaways

  • रामदास आठवले का एनडीए के प्रति समर्थन स्पष्ट है।
  • बिहार में चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में होंगे।
  • बिहार में इंडिया गठबंधन की योजनाएँ चुनौतीपूर्ण होंगी।
  • महाविकास अघाड़ी की स्थिति कमजोर हो सकती है।
  • भाषा विवाद पर ठाकरे बंधुओं की एकता महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के संदर्भ में केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार पुनः स्थापित होगी। यह चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और एनडीए की जीत निश्चित होगी।

शनिवार को राष्ट्र प्रेस समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए आठवले ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों का पूरी तरह से समर्थन करेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए विधानसभा चुनाव में विजय प्राप्त कर सरकार बनाएगी।

उन्होंने इंडिया गठबंधन द्वारा 9 जुलाई को बिहार में ‘चक्का जाम’ की योजना पर कहा कि इंडी अलायंस 9 तारीख को बंद और चक्का जाम करने की योजना बना रहा है, लेकिन चुनाव के दौरान हम उन्हें रोकने का प्रयास करेंगे। चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए लड़ेगा। मेरी पार्टी आरपीआई ने यह निर्णय लिया है कि एनडीए के उम्मीदवारों का पूरा समर्थन किया जाएगा। मुझे यकीन है कि नीतीश कुमार फिर से सरकार बनाएंगे।

मुंबई में भाषा विवाद पर ठाकरे बंधुओं के एक होने पर आठवले ने टिप्पणी की कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 20 वर्षों बाद मराठी मुद्दे पर एक साथ आए हैं, जो बहुत अच्छी बात है। हमें मराठी होने पर गर्व है और हर मराठी व्यक्ति को अपनी आवाज उठानी चाहिए। इन दोनों भाइयों का एक साथ आना हमारी महायुति को और मजबूत करेगा। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि महाविकास अघाड़ी टूट जाएगी, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अलग-अलग रहेंगी और उद्धव ठाकरे को भी गठबंधन से अलग होना होगा। राज ठाकरे का मानना है कि उन्हें किसी अन्य पार्टी की आवश्यकता नहीं है। इसीलिए यह दोनों एक साथ आए हैं। देखना है कि वे कितने दिनों तक एक साथ रहेंगे। जहां तक विजय रैली की बात है, हमें इसे आयोजित करना चाहिए। क्योंकि, जिस मुद्दे पर विपक्ष विवाद कर रहा था, उसे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने समाप्त कर दिया है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख नेता एकनाथ शिंदे द्वारा पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान 'जय गुजरात' का नारा लगाने पर आठवले ने कहा कि शिंदे ने जानबूझकर 'जय गुजरात' का नारा नहीं दिया और उन्होंने मराठी का अपमान नहीं किया। पुणे में एक गुजराती कार्यक्रम था, जिसमें अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और शिंदे उपस्थित थे। शिंदे ने भाषण के अंत में 'विजयी हो' और 'जय महाराष्ट्र' भी कहा। कार्यक्रम गुजराती लोगों का था, इसलिए उन्होंने 'जय गुजरात' कहा। विपक्ष इस पर अनावश्यक राजनीति कर रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। रामदास आठवले का समर्थन एनडीए के लिए एक मजबूत संकेत है, लेकिन चुनावी मैदान में मुकाबला रोचक रहेगा।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

रामदास आठवले ने बिहार चुनाव के बारे में क्या कहा?
रामदास आठवले ने कहा है कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और उनकी जीत निश्चित है।
क्या नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं?
आठवले का मानना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगा।
इंडिया गठबंधन की चक्का जाम योजना क्या है?
इंडिया गठबंधन 9 जुलाई को बिहार में चक्का जाम करने की योजना बना रहा है, लेकिन एनडीए चुनाव के दौरान उन्हें रोकने की कोशिश करेगा।