क्या बच्चों ने टाइगर-भालू बनकर 'वन्यजीव बचाओ' का संदेश दिया?

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क्या बच्चों ने टाइगर-भालू बनकर 'वन्यजीव बचाओ' का संदेश दिया?

सारांश

उत्तराखंड के रामनगर में बच्चों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 'वन्यजीव बचाओ' का संदेश देते हुए टाइगर-भालू बनकर एक अनूठी पहल की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वन्य जीवों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

Key Takeaways

  • बच्चों ने टाइगर-भालू बनकर वन्यजीवों की सुरक्षा का संदेश दिया।
  • पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
  • साइकिल रैली ने समुदाय में उत्साह और भागीदारी को बढ़ावा दिया।
  • वन्य प्राणी सप्ताह हर साल मनाया जाता है।
  • बच्चों की सक्रिय भागीदारी भविष्य की दिशा तय करेगी।

रामनगर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के रामनगर में वन्य जीवों और जंगलों की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति जन जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में वन्य प्राणी सप्ताह की शुरुआत हुई। इस सप्ताह भर चलने वाले आयोजन के शुभारंभ पर बच्चों ने टाइगर-भालू बनकर 'वन्यजीव बचाओ' का सशक्त संदेश दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत सीटीआर परिसर में हुई, जहां डॉ. धीरज पांडे ने वन्य प्राणी सप्ताह के महत्व और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी दी। इसके पश्चात विधायक दीवान सिंह बिष्ट और कॉर्बेट पार्क के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल रैली को रवाना किया। लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तक निकली इस रैली में बड़ी संख्या में बच्चों और स्थानीय लोगों ने भाग लिया।

इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने टाइगर, गुलदार, भालू, हिरण, पेड़ आदि के रूप में प्रभात फेरी निकाली और वन्यजीव बचाओ, पर्यावरण बचाओ का सशक्त संदेश दिया। बच्चों की यह अनोखी प्रस्तुति लोगों को गहराई से छू गई और वन्यजीवों के प्रति प्रेम तथा संरक्षण की प्रेरणा दी।

रैली के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने एक संकल्प बैनर पर हस्ताक्षर कर वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। आयोजन समिति के अनुसार, रैली के विजेता बच्चों को 7 अक्टूबर को कार्यक्रम के समापन पर सम्मानित किया जाएगा।

भारत में हर वर्ष 1 से 7 अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में वन्य प्राणियों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, क्योंकि वन्यजीव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का अहम हिस्सा हैं, जिनके कारण प्रकृति में संतुलन बना रहता है। साल 1952 में इसकी परिकल्पना की गई थी।

सीटीआर के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने कहा कि पूरे भारत में 1 से 7 अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाता है। हमारा उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों को वन्य जीवों और पेड़-पौधों के बारे में जागरूक किया जाए, जिससे उन्हें बचाया जा सके। 7 अक्टूबर तक विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।

छात्र पंकज आर्य ने बताया कि मैं टाइगर बनकर लोगों को जागरूक कर रहा हूं। वन्य जीवों को बचाना चाहिए, ये हमारे पर्यावरण के लिए बहुत जरूरी है।

Point of View

NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

वन्य प्राणी सप्ताह का महत्व क्या है?
वन्य प्राणी सप्ताह का उद्देश्य लोगों में वन्य प्राणियों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम में कौन-कौन भाग ले सकता है?
यह कार्यक्रम सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए खुला है, खासकर बच्चों के लिए।
रैली में कितने बच्चे शामिल हुए?
रैली में बड़ी संख्या में बच्चों और स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
क्या इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी होंगे?
जी हां, यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है।
कार्यक्रम का समापन कब होगा?
कार्यक्रम का समापन 7 अक्टूबर को होगा।