क्या उत्तराखंड के रामनगर में प्रशासन ने अवैध मजारों पर कार्रवाई की?

सारांश
Key Takeaways
- अवैध मजारों का ध्वस्तीकरण प्रशासन की सख्ती का प्रतीक है।
- स्थानीय लोग इस कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं।
- भविष्य में और अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- इस कार्रवाई से क्षेत्र की कानून-व्यवस्था मजबूत होगी।
- धार्मिक आड़ में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नैनीताल, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में शनिवार को प्रशासन ने अवैध मजारों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। ढेला और ढिकुली इलाकों में अवैध रूप से बनाई गई तीन मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।
यह कार्रवाई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुई, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। कुछ लोग इसे प्रशासन की सख्ती मानते हैं, जबकि अन्य इसे कानून-व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।
जानकारी के अनुसार, ढेला क्षेत्र के अशोका टाइगर ट्रेल और कॉर्बेट व्यू रिसॉर्ट परिसरों में दो मजारें एवं ढिकुली के ला पर्ल रिसॉर्ट में एक मजार को प्रशासन ने ध्वस्त किया। सभी मजारें बिना किसी वैध अनुमति के रिसॉर्ट परिसरों में बनाई गई थीं।
इस कार्रवाई के दौरान एसडीएम प्रमोद कुमार के नेतृत्व में राजस्व विभाग, वन विभाग और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम मौजूद थी। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
एसडीएम प्रमोद कुमार ने स्पष्ट किया कि "ढेला और ढिकुली क्षेत्र में अवैध रूप से बनी तीन मजारों को ध्वस्त किया गया। इनमें से दो ढेला और एक ढिकुली के रिसॉर्ट परिसर में थीं। ये मजारें बिना अनुमति के कब्जा कर बनाई गई थीं।"
उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। भविष्य में ऐसी अवैध मजारों की जानकारी मिलने पर भी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि अवैध निर्माण, खासकर धार्मिक आड़ में अतिक्रमण, किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस कार्रवाई के पीछे लंबे समय से मिल रही शिकायतें और क्षेत्र में अवैध धार्मिक ढांचों का बढ़ता दबदबा प्रमुख कारण बताये जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है। उनका कहना है कि कॉर्बेट पार्क के आसपास ऐसे निर्माणों से जंगलों को नुकसान पहुंचता है और धार्मिक सौहार्द भी प्रभावित हो सकता है।
रामनगर के आसपास अन्य मजारों की भी जांच की जा रही है। वन क्षेत्र, रिसॉर्ट परिसर, नदी किनारे और संवेदनशील स्थानों पर बने अवैध ढांचों की सूची तैयार की जा रही है, जिन पर जल्द कार्रवाई संभव है।