क्या उत्तराखंड के रामनगर में वनकर्मियों ने बाघों के सामने साहस दिखाया?

सारांश
Key Takeaways
- वनकर्मियों की त्वरित सोच ने एक बड़ी अनहोनी को टाला।
- बाघों की बढ़ती संख्या स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है।
- मानव-वन्यजीव संघर्ष का खतरा बढ़ रहा है।
- वन विभाग ने निगरानी और प्रशिक्षण बढ़ाने के प्रयास किए हैं।
- स्थानीय जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है।
नैनीताल, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के समीप स्थित रामनगर वनप्रभाग के टेढ़ा क्षेत्र में एक ख़तरनाक मुठभेड़ के दौरान चार वनकर्मियों ने अपनी समझदारी से एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया। जब वे नियमित गश्त पर थे, तभी टेढ़ा कुलबंदा नाले के निकट अचानक एक वयस्क बाघिन (ट्राइग्रेस) अपने दो शावकों के साथ आक्रामक स्थिति में सामने आ गई। इस अप्रत्याशित स्थिति में वनकर्मियों ने तुरंत पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई।
रामनगर वनप्रभाग के रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने कहा, "हमारे वनकर्मी रोज़ की तरह गश्त पर थे। अचानक बाघिन और उसके शावकों के सामने आने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। वनकर्मियों ने जल्दी से निर्णय लेकर पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित किया।" उन्होंने यह भी बताया कि बाघिन की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
तिवारी के अनुसार, टेढ़ा क्षेत्र में विशेष गश्त अभियान शुरू किया गया है और गांवों के आसपास अतिरिक्त निगरानी की जा रही है ताकि बाघ बस्तियों की ओर न आ सकें। हाल के सर्वेक्षणों में पता चला है कि रामनगर वनप्रभाग में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिंवाल इसे जैव विविधता और संरक्षण प्रयासों की सफलता मानते हैं।
उन्होंने कहा, "बाघों की बढ़ती संख्या स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है, लेकिन इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष का खतरा भी बढ़ा है।" इसके लिए वन विभाग ने सख्त निगरानी और विशेष प्रशिक्षण की शुरुआत की है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में बाघ हमलों की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण वनकर्मियों को ख़तरनाक परिस्थितियों में साहस और समझदारी से काम करना पड़ा है।
स्थानीय पर्यावरण प्रेमी नमित अग्रवाल ने वन विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा, "वनकर्मियों की बहादुरी और विभाग की तत्परता सराहनीय है। वन्यजीव संरक्षण के साथ मानव सुरक्षा का संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है।" वन विभाग स्थानीय गांवों में जागरूकता अभियान भी चला रहा है ताकि लोग बाघों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।