क्या पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्पैम कॉल को लेकर चिंतित हैं?
सारांश
Key Takeaways
- फेक कॉल की चिंता बढ़ रही है।
- बैंक खाते की सुरक्षा पर ध्यान दें।
- साइबर शिक्षित होने का महत्व।
- रोजगार के नए अवसरों का सृजन।
- जनता को तकनीकी ज्ञान देने की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को साइबर शिक्षित भारत कार्यक्रम में फेक कॉल के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "जब मैं कभी किसी आम व्यक्ति से मिलता हूं, तो अक्सर उसके मन में फेक कॉल के बारे में चिंता स्पष्ट होती है। इस स्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या बैंक खाते में जमा पैसे महफूज हैं?
रामनाथ कोविंद ने कहा, "मैं खुद कई बार स्पैम कॉल के बारे में चिंता जाहिर कर चुका हूं। क्या यह गаран्टी है कि लोगों के खाते में जमा पैसे में कोई सेंध नहीं कर सकता?"
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि आज के समय में सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोगों के खाते में जमा पैसे को कैसे सुरक्षित रखा जाए? उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "मुझे हर महीने पेंशन मिलती है। वर्तमान में यही मेरा एकमात्र पैसे का स्रोत है। जब भी मुझे स्पैम कॉल आती है, मैं तुरंत अपने बैंक से संपर्क करता हूं और यह जांचता हूं कि कहीं मेरे खाते से पैसे तो नहीं निकले हैं?
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि यह स्थिति केवल मेरे साथ ही नहीं, बल्कि इस सभागार में बैठे कई लोगों की भी चिंता है।
उन्होंने साइबर शिक्षित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं आपको शिक्षक मानता हूं। आपके लिए यह कर्तव्य है कि आप लोगों को बताएं कि वे अपनी कमाई को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जब कोई भी देश तकनीक को अपनाता है, तो उसके लिए भविष्य में कई तरह के रोजगार सृजित होते हैं। इसके अलावा, मुझे यह देखकर खुशी है कि इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग उपस्थित हैं, जिनका उद्देश्य तकनीक के आगमन से उत्पन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए रोडमैप तैयार करना और उसे लागू करना है।