क्या रांची में रावण-कुंभकर्ण का दहन सीएम हेमंत और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने किया?

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क्या रांची में रावण-कुंभकर्ण का दहन सीएम हेमंत और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने किया?

सारांश

रांची में विजयादशमी की धूमधाम, सीएम हेमंत सोरेन और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की उपस्थिति में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का भव्य दहन किया गया। जानें इस ऐतिहासिक क्षण की खास बातें।

Key Takeaways

  • रांची में विजयादशमी पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन हुआ।
  • सीएम हेमंत सोरेन और संजय सेठ की उपस्थिति ने इस आयोजन को खास बनाया।
  • यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है।
  • रावण दहन के साथ धार्मिक झांकियों का प्रदर्शन भी हुआ।
  • सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

रांची, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विजयादशमी के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में गुरुवार शाम भव्य आतिशबाजी के बीच रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सीएम हेमंत सोरेन और विशिष्ट अतिथि रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ तथा रांची के विधायक सीपी सिंह ने रिमोट के माध्यम से जैसे ही तीनों पुतलों में आग लगाई, हजारों की संख्या में मौजूद जनता ने जय श्रीराम के नारे लगाना शुरू कर दिया।

सीएम सोरेन ने इस अवसर पर राज्य की जनता को दशहरा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व हमें असत्य पर सत्य की विजय की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि दशहरा हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक पर्व है।

यह रावण दहन का कार्यक्रम रांची की पंजाबी हिंदू बिरादरी द्वारा आयोजित किया गया था। यहां रावण का 70 फीट, कुंभकर्ण का 65 फीट और मेघनाद का 60 फीट का पुतला स्थापित किया गया था। पुतलों के दहन के पहले भगवान राम के जीवन के प्रसंगों पर आधारित मनोहारी झांकियां भी प्रदर्शित की गईं। मुंबई और कोलकाता से आई फायर वर्क्स टीम की शानदार आतिशबाजी ने आसमान को रोशन कर दिया।

रांची में रावण दहन की शुरुआत 1948 में हुई थी। उस समय बन्नू (पाकिस्तान) से आए 10-12 शरणार्थी परिवारों ने पहली बार दशहरा पर 12 फीट के रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया था।

पहले यह आयोजन शहर के बारी पार्क में होता था। बढ़ती भीड़ को देखते हुए 1960 से यह कार्यक्रम मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया जाने लगा।

रांची में अरगोड़ा, हुंडरू मैदान, नामकुम सिदरौल, टाटीसिल्वे मैदान, शालीमार मैदान एचईसी, झखड़ाटांड़ और महादेव टंगरा में भी रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित हुए। इन सभी स्थानों पर भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

Point of View

बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि एकजुटता और सांप्रदायिक सद्भाव का पर्व है। यह समय है जब हम असत्य पर सत्य की विजय को मनाते हैं।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

रांची में रावण दहन की परंपरा कब से चली आ रही है?
रांची में रावण दहन की परंपरा 1948 से शुरू हुई थी।
इस वर्ष रावण के पुतले की ऊंचाई क्या थी?
इस वर्ष रावण का पुतला 70 फीट ऊंचा था।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कौन थे?
मुख्य अतिथि के रूप में सीएम हेमंत सोरेन उपस्थित थे।
क्या इस कार्यक्रम में सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे?
हाँ, इस कार्यक्रम में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
रांची में और कहाँ रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित हुए?
रांची में अरगोड़ा, हुंडरू मैदान, नामकुम सिदरौल, टाटीसिल्वे, और अन्य स्थानों पर भी रावण दहन के कार्यक्रम हुए।