क्या रांची में पावर ग्रिड पर लूटपाट करने वाले अपराधी गिरफ्तार हुए?

सारांश
Key Takeaways
- रांची के पावर ग्रिड पर लूटपाट की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- पुलिस की तत्परता से नौ अपराधियों की गिरफ्तारी हुई।
- अपराधियों ने सब स्टेशन के कर्मचारियों को बंधक बनाकर लूटपाट की।
- गिरफ्तारी के बाद लूटे गए सामान की बिक्री की पूरी कहानी सामने आई।
- इस मामले में पुलिस अब अन्य फरार आरोपियों की तलाश में है।
रांची, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रांची के नामकुम में स्थित झारखंड विद्युत वितरण निगम के पावर ग्रिड पर धावा बोलकर लूटपाट करने के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में नौ अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए अपराधियों में दिनेश लोहरा उर्फ दिनेश करमाली, राजेश कुमार सिंह उर्फ भोला, शाहिद अंसारी उर्फ जटला, ललन कुमार भुईंया उर्फ बौना, जितु कुमार सिंह उर्फ जिजुवा, फुरकान मल्लिक, बिरेन्द्र बेदिया उर्फ घोंची, दीपक कुमार सोनी और जितेन्द्र कुमार शामिल हैं। इनके पास से ऑटो, कटर मशीन, कॉपर स्ट्रीप, प्लेट एंगल, कनेक्टर और नौ मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने रविवार को प्रेस वार्ता में बताया कि 15 जुलाई की रात 10-12 की संख्या में अपराधियों ने पावर ग्रिड पर हमला किया था। सब स्टेशन के कर्मचारियों को बंधक बनाकर लाखों रुपये के सामान की लूट की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की गई थी।
इस टीम ने टेक्निकल सेल की मदद से संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर अपराधियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार अपराधियों का सरगना दिनेश लोहरा बताया गया है। उसने पुलिस को बताया कि उसने 10 साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। पावर ग्रिड से लूटे गए सामान और उपकरण पुंदाग में स्थित फुरकान मल्लिक और दीपक कुमार सोनी की कबाड़ी दुकानों में बेचे गए थे।
इन दुकानदारों ने माल 253 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदकर एक लाख 73 हजार रुपये दिए। इसके बाद दीपक ने सारा माल पटना के परेव इलाके में जितेंद्र कुमार की फैक्ट्री में चार लाख रुपये में बेच दिया। पुलिस अब इस मामले में शामिल अन्य फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।