क्या रैपिडो की अवैध सेवाओं पर महाराष्ट्र में ब्रेक लगा?
सारांश
Key Takeaways
- रैपिडो की अवैध सेवाओं पर कार्रवाई हुई है।
- परिवहन विभाग ने मामला दर्ज किया है।
- नागरिकों को ट्रैफिक अव्यवस्था का सामना करना पड़ा है।
- कंपनी ने बिना अनुमति के सेवा शुरू की थी।
- महाराष्ट्र सरकार ने पहले भी रैपिडो के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
विरार, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के वसई-विरार क्षेत्र में परिवहन विभाग की मंजूरी के बिना रैपिडो कंपनी द्वारा निजी दोपहिया वाहनों से अवैध यात्री परिवहन का मामला प्रकाश में आया है। इस संदर्भ में, वसई के क्षेत्रीय परिवहन विभाग ने कंपनी के खिलाफ गंभीर आपराधिक कार्रवाई करते हुए विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
शहर में ट्रैफिक अव्यवस्था, अनियमित बस सेवाओं और ऑटो रिक्शा के मनमाने किराए के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते रैपिडो की बाइक टैक्सी सेवा यात्रियों के लिए एक तेज और किफायती विकल्प बन गई थी। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने दोपहिया वाहनों को बाइक टैक्सी के रूप में चलाने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी है। इसके बावजूद, रैपिडो ने बिना अनुमति ऑनलाइन ऐप के माध्यम से वसई-विरार क्षेत्र में यह सेवा शुरू की थी।
मोटर वाहन निरीक्षक सचिन कोतापकर की शिकायत पर रैपिडो के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66, 93 और 192 के तहत विरार पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की आगे की जांच पुलिस उपनिरीक्षक दत्तात्रय नागरगोजे द्वारा की जा रही है।
इससे पहले, इस वर्ष जुलाई में, महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में रैपिडो ऐप के अवैध संचालन पर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने यह स्पष्ट किया कि ओला और उबर जैसे परिवहन ऐप्स के जरिए रैपिडो प्लेटफॉर्म का अवैध उपयोग किया जा रहा है। मंत्री ने कहा था कि राज्य में रैपिडो के जरिए टैक्सी सेवाएं दी जा रही थीं, लेकिन परिवहन विभाग ने ऐसी किसी सेवा को अभी तक अनुमति नहीं दी है।
उन्होंने यह भी कहा था कि हमने अभी तक रैपिडो को न टैक्सी सेवा के लिए अधिकृत किया है और न ही इसके संचालन के लिए कोई नियमावली बनाई है। ऐसे में यह पूरी तरह अवैध है। जब तक प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिलती, तब तक इसका उपयोग गैरकानूनी माना जाएगा।