क्या राशिद अल्वी भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि का इंतजार कर रहे हैं?

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क्या राशिद अल्वी भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि का इंतजार कर रहे हैं?

सारांश

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने मोहन भागवत के बयान पर चर्चा करते हुए कहा कि भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि का आना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि देश में धार्मिकता की स्थिति चिंताजनक है और अधर्म का अंत होना चाहिए। क्या वास्तव में हमें कल्कि का इंतजार करना चाहिए?

Key Takeaways

  • धर्म की विजय के लिए कल्कि का आगमन आवश्यक है।
  • हिंसक प्रदर्शन पर सतर्क रहना जरूरी है।
  • सावरकर का इतिहास और उनके योगदान पर सवाल उठाए गए हैं।
  • राहुल गांधी की विदेश यात्रा का राजनीतिक महत्व है।
  • संघ और कांग्रेस के बयानों में विचारों का टकराव है।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता राशिद अल्वी ने गुरुवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में जो हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, वे भारत के लिए चिंता का विषय हैं। विजयादशमी पर कांग्रेस नेता ने कहा कि भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि को जल्द आना चाहिए ताकि धर्म की विजय हो सके और झूठे धार्मिक लोगों का अंत हो।

राशिद अल्वी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं मानता हूं कि मोहन भागवत ने कुछ हद तक सही कहा है। जब देश के चारों ओर इस तरह की स्थिति हो, तो हमें और विशेषकर भारत सरकार को सतर्क रहना आवश्यक है। मुझे लगता है कि आरएसएस के प्रमुख ने यह कहकर भारत सरकार को चेतावनी दी है कि सीधा रास्ता अपनाएं।"

भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पहले सरसंघचालक केशव बलिराम हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग की। इस मुद्दे पर राशिद अल्वी ने कहा कि यह आरएसएस और भाजपा को खुश करने के लिए कहा गया होगा।

उन्होंने भारत रत्न के मानदंड पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या ऐसे लोगों को भारत रत्न दिया जा सकता है जो ब्रिटिश सरकार के साथ थे और देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल नहीं थे? आरएसएस का 25 साल का इतिहास बताता है कि वे ब्रिटिश सरकार के साथ थे और 1942 के आंदोलन में, जब महात्मा गांधी और अन्य नेता जेल में थे, तब आरएसएस ने अंग्रेजों का समर्थन किया।"

आज देशभर में विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है। आज के समय में यदि रावण को परिभाषित किया जाए तो वह कौन होगा? इस सवाल पर राशिद अल्वी ने कहा कि हम कलयुग में जी रहे हैं, जहां धार्मिक लोग धार्मिक नहीं माने जाते और अधर्मी खुद को धर्म का प्रचारक बताते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत और दुनिया में रावणों की संख्या बहुत बढ़ गई है।

सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा था कि विनायक दामोदर सावरकर ब्रिटिश सरकार के सच्चे नौकर थे। इस विषय पर राशिद अल्वी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सावरकर ने ब्रिटिश सरकार से तनख्वाह ली थी।

बिहार में चुनाव के दौरान राहुल गांधी के विदेश दौरे पर राशिद अल्वी ने कहा कि भाजपा अक्सर उन पर सवाल उठाती है, लेकिन उनकी 'वोटर अधिकार यात्रा' का लाभ कांग्रेस को मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को राहुल गांधी पर आरोप लगाने से पहले अपने कार्यकर्ताओं की सूची साफ करनी चाहिए।

Point of View

जिसमें समाज में धर्म और अधर्म के बीच की खाई को समझने की आवश्यकता है। हमें एकजुट होकर इस विचार पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे हम अपने देश में शांति और सद्भाव कायम रख सकते हैं।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

राशिद अल्वी ने भगवान विष्णु के अवतार कल्कि का क्यों जिक्र किया?
उन्होंने धार्मिकता की स्थिति को चिंता का विषय बताते हुए कल्कि के आगमन की आवश्यकता पर बल दिया।
मोहन भागवत के बयान पर राशिद अल्वी का क्या कहना है?
राशिद अल्वी ने कहा कि मोहन भागवत ने सही बात कही है और भारत सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है।
क्या सावरकर को भारत रत्न दिया जाना चाहिए?
राशिद अल्वी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे लोगों को भारत रत्न नहीं देना चाहिए जिन्होंने ब्रिटिश सरकार का समर्थन किया।