क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नौसेना के ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन में भाग लिया?
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय नौसेना देश की समुद्री सुरक्षा की महत्वपूर्ण ताकत है।
- नौसेना का कार्य केवल सीमाओं की सुरक्षा नहीं है।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौसैनिकों की सेवा की सराहना की।
- हिंद महासागर की सुरक्षा में भारत की जिम्मेदारी बढ़ रही है।
- आत्मनिर्भरता की दिशा में नौसेना की भूमिका महत्वपूर्ण है।
तिरुवनंतपुरम, ३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को यह कहा कि भारतीय नौसेना (इंडियन नेवी) देश की समुद्री सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। वह नेवी डे से पहले आयोजित भारतीय नौसेना के ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। यह कार्यक्रम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित चर्चित समुद्र तट पर आयोजित किया गया।
राष्ट्रपति ने कहै कि भारतीय नौसेना का कार्य केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समुद्री खतरों को रोकने, समुद्री डकैती से लड़ने, हमारे आर्थिक जल क्षेत्र की रक्षा करने और समुद्री मार्गों की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने यह भी कहा कि कठिन समय में मानवता की सेवा करना नौसेना की एक विशेषता है। भारतीय नौसेना ने कठिन परिस्थितियों में हजारों लोगों को राहत और सुरक्षा प्रदान की है।
उन्होंने बताया कि नेवी डे से पहले यहाँ आकर और नौसेना का ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन देखकर उन्हें बहुत गर्व महसूस हुआ। यह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि नौसेना के जवानों की निस्वार्थ सेवा, साहस और देश की रक्षा के लिए किए गए बलिदान का सम्मान है। उन्होंने नौसैनिकों और उनके परिवारों को बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की जनता नौसेना के जवानों के समर्पण और देशभक्ति पर गर्व करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना द्वारा विभिन्न शहरों में ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन आयोजित करना एक सराहनीय कदम है, जिससे आम नागरिक नौसेना की क्षमता और दक्षता को निकट से देख सकते हैं।
उन्होंने भारत की ऐतिहासिक समुद्री विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे समुद्री इतिहास में गौरवपूर्ण काल रहा है। यह चोल और चेर राजवंशों के जहाजों से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज और कुंजली मरक्करों की वीरता तक फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि केरल की समुद्री विरासत अद्वितीय है, और इसके योद्धाओं ने यूरोपीय ताकतों के खिलाफ तट की रक्षा की थी।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज हिंद महासागर दुनिया की प्रमुख समुद्री जगहों में से एक है, और भारत की जिम्मेदारी और बढ़ती है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ, हम एक सामूहिक रूप से कार्य करने वाले, नियमों पर आधारित समुद्री प्रणाली को बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने कहा कि जब भारत ब्लू इकॉनमी को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब नौसेना की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। समुद्री रास्तों को सुरक्षित करना, समुद्री संसाधनों की रक्षा करना और गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने में नौसेना की भूमिका अत्यधिक आवश्यक हो गई है। आत्मनिर्भरता की यात्रा में आईएनएस विक्रांत, विशाखापत्तनम-क्लास डिस्ट्रॉयर, नीलगिरी-क्लास फ्रिगेट और कलवरी-क्लास सबमरीन जैसे स्वदेशी प्लेटफार्मों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
अंत में उन्होंने कहा कि हमें मिलकर अपने समुद्रों की सुरक्षा के लिए प्रयास करने और नौसैनिकों का समर्थन करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने सभी नौसैनिकों और उनके परिवारों को नेवी डे की शुभकामनाएं दीं।