क्या निजी स्वास्थ्य संस्थान स्वस्थ और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में योगदान दे सकते हैं?: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

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क्या निजी स्वास्थ्य संस्थान स्वस्थ और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में योगदान दे सकते हैं?: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यशोदा मेडिसिटी का उद्घाटन करते हुए कहा कि निजी स्वास्थ्य संस्थान स्वस्थ और विकसित भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनका योगदान देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सशक्त बनाने में अनमोल है।

Key Takeaways

  • स्वास्थ्य सेवा राष्ट्र का अभिन्न अंग है।
  • निजी संस्थान स्वास्थ्य में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • सभी हितधारकों को स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना चाहिए।
  • यशोदा मेडिसिटी स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तनकारी कार्य करेगा।
  • चिकित्सा और सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन आवश्यक है।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम में यशोदा मेडिसिटी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थान स्वस्थ और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा राष्ट्र निर्माण का एक अभिन्न अंग है। लोगों को बीमारियों से बचाना और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। इस उद्देश्य से देशभर में स्वास्थ्य और चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे, संस्थानों और सेवाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्रयास निश्चित रूप से एक स्वस्थ और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देंगे। सरकार के अलावा, अन्य सभी हितधारक भी इन प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसलिए, सभी हितधारकों की यह जिम्मेदारी है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करें और यह सुनिश्चित करें कि देश के सभी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध हों और कोई भी नागरिक प्रभावी स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि निजी क्षेत्र के उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थान इस लक्ष्य की प्राप्ति में अमूल्य योगदान दे सकते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यशोदा मेडिसिटी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में परिवर्तनकारी कार्य करेगी।

राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्नता जताई कि कोविड-19 की वैश्विक महामारी के दौरान यशोदा अस्पताल ने बड़ी संख्या में लोगों का इलाज किया और इसने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरी लगन से अपनाया है। उन्होंने संस्थान से सिकल सेल एनीमिया से संबंधित राष्ट्रीय अभियानों में अपना योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने अस्पताल के हितधारकों को कैंसर के इलाज के लिए रिसर्च करने और अन्य संस्थानों के साथ सहयोग करने की भी सलाह दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा उत्तरदायित्व के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन भी स्वास्थ्य सेवा संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यशोदा मेडिसिटी 'सभी के लिए किफायती विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं' के अपने मिशन को साकार करेगी। उन्होंने कहा कि निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में अहम स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के सहयोग से, भारत एक हेल्थकेयर डेस्टिनेशन के रूप में और अधिक पहचान हासिल करेगा।

Point of View

बल्कि निजी क्षेत्र की जिम्मेदारियों को भी उजागर करता है। एक सशक्त स्वास्थ्य प्रणाली की आवश्यकता आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता है, और इसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

यशोदा मेडिसिटी क्या है?
यशोदा मेडिसिटी एक प्राइवेट अस्पताल है जो उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य सेवा के बारे में क्या कहा?
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सभी को इसमें योगदान देना चाहिए।
स्वास्थ्य सेवा में निजी संस्थानों का क्या योगदान हो सकता है?
निजी संस्थान न केवल सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि वे स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और गुणवत्ता में सुधार में भी मदद कर सकते हैं।