क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक मिसाल बनेगा?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता को प्रदर्शित किया।
- महिलाओं और युवाओं का विकास देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की आवश्यकता है।
- पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा।
- स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को देशवासियों से संबोधन में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 7 अगस्त को देश में 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य हमारे बुनकरों और उनके उत्पादों का सम्मान करना है।
उन्होंने कहा कि यह दिवस हर वर्ष मनाया जाता है ताकि स्वदेशी आंदोलन की याद ताजा की जा सके, जिसे 1905 में शुरू किया गया था। महात्मा गांधी ने भारतीय कारीगरों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी की भावना को मजबूत किया। स्वदेशी का यह विचार 'मेक-इन-इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को प्रेरित करता रहा है। हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश में बने उत्पादों को प्राथमिकता देंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों के माध्यम से भारत 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के पथ पर अग्रसर है। इस अवधि में सभी देशवासियों को अपने योगदान देने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं, महिलाओं, और हाशिये पर रहे समुदायों को प्रगति के मुख्य स्तंभ बताया।
राष्ट्रपति ने युवाओं के विकास में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के योगदान का उल्लेख किया, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने एक नई प्रेरणा दी है। शतरंज में भी भारत के युवाओं का वर्चस्व बढ़ा है और राष्ट्रीय खेल नीति-2025 के तहत भारत एक वैश्विक खेल महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर रही हैं। 'फिडे महिला विश्व कप' में भारत की दो महिलाओं के बीच फाइनल ने यह साबित किया कि हमारी महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं। जेंडर गैप कम हो रहा है और नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने इसे यथार्थ में बदल दिया है।
राष्ट्रपति ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य समुदायों के लोगों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि अब ये समुदाय हाशिये से बाहर निकल रहे हैं। भारत तेजी से प्रगति कर रहा है और हमारे सुधारों से एक नई दिशा मिल रही है।
उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात की और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सक्षम हैं। यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक मिसाल बनेगा।
राष्ट्रपति ने पर्यावरण की रक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए अपने दृष्टिकोण में बदलाव करना होगा। हम सबको मिलकर एक ऐसी पृथ्वी छोड़नी चाहिए जहां जीवन फल-फूल सके।