क्या राष्ट्रपति मुर्मु ने सिकंदराबाद में भारतीय कला महोत्सव का उद्घाटन किया?

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क्या राष्ट्रपति मुर्मु ने सिकंदराबाद में भारतीय कला महोत्सव का उद्घाटन किया?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तेलंगाना के सिकंदराबाद में भारतीय कला महोत्सव का उद्घाटन किया। इस महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न पश्चिमी भारतीय राज्यों की सांस्कृतिक विविधताओं को प्रदर्शित करना है। आगंतुक क्षेत्रीय नृत्य, संगीत, साहित्य और हस्तकला का आनंद ले सकेंगे।

Key Takeaways

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने महोत्सव का उद्घाटन किया।
  • महोत्सव 22 से 30 नवंबर तक आयोजित होगा।
  • प्रवेश निशुल्क है।
  • सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन होगा।
  • साहित्यिक प्रकोष्ठ में चर्चाएँ होंगी।

नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को तेलंगाना के सिकंदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलयम में भारतीय कला महोत्सव के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया।

यह महोत्सव संस्कृति मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है और यह नौ दिनों तक चलेगा। इसका मुख्य उद्देश्य गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव की सांस्कृतिक विविधताओं को एक मंच पर प्रदर्शित करना है।

उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि महोत्सव के पहले संस्करण ने लोगों को पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया था, जबकि इस बार पश्चिमी भारत की परंपराओं, लोक कलाओं और हस्तशिल्प को देखने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि आगंतुक इस महोत्सव में क्षेत्रीय नृत्य, संगीत, साहित्य, हस्तकला और पारंपरिक व्यंजन के माध्यम से पश्चिम भारत की जीवंत लोक-संस्कृति का अनुभव करेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार युवाओं को देश की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उनके अनुसार, ऐसे आयोजनों से न केवल विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोग एक-दूसरे की संस्कृति को समझ पाते हैं, बल्कि आपसी सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती मिलती है।

उन्होंने कहा कि भारतीय कला महोत्सव जैसे उत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान बढ़ाते हैं और इसे संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। मुझे यह देखकर खुशी हुई है कि इस महोत्सव के संस्करण में एक साहित्यिक प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है। मुझे बताया गया है कि वहां युवा लेखन, लोककथाओं, अनुवाद और महिलाओं की अभिव्यक्ति पर चर्चा होगी। किसी क्षेत्र विशेष की प्रचलित भाषा के साहित्य से उस क्षेत्र या भाषा बोलने वाले समाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।

यह महोत्सव 22 से 30 नवंबर तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक जनता के लिए खुला रहेगा। प्रवेश निशुल्क है। इच्छुक आगंतुक ऑनलाइन स्लॉट बुक कर सकते हैं, जबकि सीधे आने वाले लोगों के लिए मौके पर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

समारोह में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी, राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, गोवा के राज्यपाल पुसापति अशोक गजपति राजू, तेलंगाना की मंत्री डी. अनसूया सीथक्का तथा गुजरात के मंत्री नरेश मगनभाई पटेल शामिल थे।

Point of View

बल्कि राष्ट्रीय एकता को भी प्रोत्साहित करता है। ऐसे आयोजनों से युवाओं में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ती है।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय कला महोत्सव कब शुरू होगा?
भारतीय कला महोत्सव 22 से 30 नवंबर तक चलेगा।
क्या प्रवेश निशुल्क है?
हाँ, इस महोत्सव का प्रवेश निशुल्क है।
क्या महोत्सव में कोई साहित्यिक प्रकोष्ठ होगा?
जी हाँ, महोत्सव में एक साहित्यिक प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है।
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