क्या शारदीय नवरात्रि पर रवि शंकर प्रसाद ने मां का दर्शन किया?

सारांश
Key Takeaways
- शारदीय नवरात्रि का पर्व धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
- रवि शंकर प्रसाद ने मां के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
- दुर्गा पूजा पंडालों का भ्रमण स्थानीय संस्कृति का हिस्सा है।
- राजनीति में धार्मिक पर्वों का प्रभाव महत्वपूर्ण है।
- कांग्रेस की आलोचना से राजनीतिक स्थिति स्पष्ट होती है।
पटना, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पटना साहिब से भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को शारदीय नवरात्रि के महानवमी के पावन अवसर पर विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों में जाकर मां के दर्शन किए। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरा जन्म पटना में हुआ है और मैं बचपन में पूजा पंडालों में घूमता था। माता रानी सब का कल्याण करें.
सांसद रवि शंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ''शारदीय नवरात्रि के महानवमी के पावन अवसर पर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत बांकीपुर विधानसभा के बोरिंग रोड चौराहा, मंदिरी सहित अन्य पूजा पंडालों का भ्रमण कर माता रानी का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और क्षेत्रवासियों को नवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं.''
मीडिया के 'आरएसएस के शताब्दी समारोह पर प्रधानमंत्री ने कहा है राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक का बहुत योगदान है' सवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत सही कहा। हम सभी बालश्रम सेवक हैं। तमाम आलोचनाओं के बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आज कहां पहुंच गया है। संघ की प्रेरणा से एक के बाद एक महान व्यक्ति उभरे हैं। इनमें से दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी, पीएम मोदी, एकनाथ रानाडे और यशवंत राव केलकर हैं। संघ का सर्वव्यापी काम है। संघ गरीब दलितों के उत्थान के लिए काम करता है। संघ के काम से सीखना चाहिए, कितने विरोध के बावजूद कभी संघ का स्वयंसेवक दूसरे के लिए ईर्ष्या भाव नहीं रखता है.
भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया की अंतिम सूची को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गलत नाम काटे जाने को लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई। अब कर भी क्या सकती हैं? कोर्ट की निगरानी में सब कुछ हुआ, कांग्रेस के पास वोट नहीं है। बिहार की जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फैसला करेगी।