क्या रीता भादुड़ी का काम के प्रति जुनून उन्हें हमेशा सक्रिय रखता था, किडनी की समस्या के बावजूद?

Click to start listening
क्या रीता भादुड़ी का काम के प्रति जुनून उन्हें हमेशा सक्रिय रखता था, किडनी की समस्या के बावजूद?

सारांश

रीता भादुड़ी का जीवन और करियर हमें यह सिखाता है कि काम के प्रति सच्चा समर्पण किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकता है। उनकी अदाकारी और जिजीविषा ने उन्हें न केवल एक बेहतरीन अभिनेत्री बनाया, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी। आइए जानते हैं उनके जीवन की कुछ खास बातें।

Key Takeaways

  • समर्पण और जुनून किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं।
  • बीमारी से प्रभावित होने पर भी काम जारी रखना संभव है।
  • अभिनय में उत्कृष्टता के लिए लगन जरूरी है।
  • रीता भादुड़ी का जीवन हमें प्रेरणा देता है।
  • हिंदी सिनेमा में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

मुंबई, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीवी और फिल्म जगत की प्रसिद्ध अदाकारा रीता भादुड़ी का नाम छोटे और बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ने वाली कलाकारों में शामिल है। उन्हें अपने काम के प्रति समर्पण और जुनून के लिए जाना जाता था। चाहे वह बीमारी हो या उम्र से जुड़ी समस्याएं, उन्होंने कभी भी इसके प्रभाव को अपने काम पर हावी नहीं होने दिया। यह उनके प्रशंसकों और सहकर्मियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रही है।

रीता भादुड़ी का जन्म 4 नवंबर 1955 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। बचपन से ही अभिनय का शौक उन्हें था और इसी कारण उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। उन्होंने अपने प्रशिक्षण के लिए पूना फिल्म इंस्टीट्यूट का चयन किया, जो उस समय देश के प्रमुख फिल्म संस्थानों में से एक था।

उनके बैच में शबाना आजमी, जरीना वहाब और प्रीति गांगुली जैसी मशहूर कलाकार भी शामिल थीं। यहां उन्होंने अभिनय के गुण सीखे।

रीता भादुड़ी को फिल्मों में पहचान 1975 में आई फिल्म 'जूली' से मिली थी। इस फिल्म में उनका किरदार ऊषा भट्टाचार्य का था और उनके ऊपर फिल्माया गया गाना 'ये रातें नई पुरानी' आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है। इसके बाद उन्होंने निरंतर फिल्मों में काम करना शुरू किया।

उन्होंने 'सावन को आने दो', 'कॉलेज गर्ल', 'क्या कहना', 'राजा', 'हीरो नंबर वन', 'तमन्ना' और 'घर हो तो ऐसा' जैसी फिल्मों में काम किया और हर बार अपने किरदार को जीवंत बना दिया। रीता ने अपनी अदाकारी के दम पर दर्शकों के दिलों में मां और सहायक भूमिकाओं के जरिए खास जगह बनाई।

टीवी सीरियल में भी रीता भादुड़ी ने शानदार काम किया। दूरदर्शन के दौर में वह 'बनते बिगड़ते', 'मंजिल', 'मुजरिम हाजिर', और 'चुनौती' जैसे सीरियल में नजर आईं। वहीं 'कुमकुम', 'साराभाई वर्सेज साराभाई', 'निमकी मुखिया', 'मिसेज कौशिक की पांच बहुएं' और 'हसरतें' जैसी लोकप्रिय सीरियल में भी उनकी भूमिका को सराहा गया। उनकी अदाकारी में एक खास बात यह थी कि वह अपने किरदार को पूरी तरह जीती थीं, चाहे वह मां का रोल हो, दादी या फिर कोई और सहायक भूमिका हो।

रीता भादुड़ी अपने काम के प्रति इतनी समर्पित थीं कि बीमारी के बावजूद भी उन्होंने शूटिंग नहीं छोड़ी। वह किडनी की समस्या से ग्रसित थीं और उन्हें हर दूसरे दिन डायलिसिस के लिए जाना पड़ता था। बावजूद इसके, वह अपने सीरियल 'निमकी मुखिया' की शूटिंग में हमेशा हिस्सा लेती रहीं। एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि वह बीमारी में शूटिंग कैसे कर लेती हैं तो उन्होंने कहा, 'इस उम्र में तो कोई न कोई बीमारी लगी ही रहती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि काम छोड़ दें। खुद को व्यस्त रखो, यही सबसे अच्छा तरीका है।' काम के प्रति उनका यही जुनून और समर्पण दर्शकों और सहकर्मियों के लिए प्रेरणा का कारण बना।

रीता भादुड़ी को उनकी मेहनत और शानदार अदाकारी के लिए कई बार सम्मानित भी किया गया। उन्हें 1995 में फिल्म 'राजा' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग रोल का पुरस्कार मिला। उन्होंने हमेशा अपने किरदारों को जीवंत और यादगार बनाया। उनके काम की वजह से वह हिंदी सिनेमा और टीवी इंडस्ट्री में लंबे समय तक लोकप्रिय बनी रहीं।

17 जुलाई 2018 को रीता भादुड़ी ने अंतिम सांस ली। उनका जीवन और करियर इस बात का उदाहरण है कि काम के प्रति सच्चे समर्पण और लगन के आगे कोई भी बीमारी या कठिनाई बड़ी नहीं होती।

Point of View

मैं यह कह सकता हूं कि रीता भादुड़ी का जीवन हमें यह सिखाता है कि काम के प्रति जुनून और समर्पण किसी भी व्यक्ति को असाधारण बना सकता है। उनके संघर्ष और उपलब्धियां हमें प्रेरित करती हैं कि हम कभी भी हार न मानें।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

रीता भादुड़ी का जन्म कब हुआ था?
रीता भादुड़ी का जन्म 4 नवंबर 1955 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
क्या रीता भादुड़ी ने किडनी की बीमारी के बावजूद काम किया?
जी हां, रीता भादुड़ी ने किडनी की समस्या के बावजूद अपने काम को कभी नहीं छोड़ा और हमेशा सक्रिय रहीं।
रीता भादुड़ी को कौन सा पुरस्कार मिला था?
उन्हें 1995 में फिल्म 'राजा' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग रोल का पुरस्कार मिला था।
उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्म कौन सी थी?
उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्म 'जूली' थी, जिसमें उन्होंने ऊषा भट्टाचार्य का किरदार निभाया था।
रीता भादुड़ी का योगदान किस क्षेत्र में था?
रीता भादुड़ी का योगदान मुख्य रूप से टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में था, जहां उन्होंने विभिन्न प्रकार के किरदार निभाए।