क्या एसआईआर विवाद पर ऋतुराज सिन्हा का यह कहना सही है?
सारांश
Key Takeaways
- ऋतुराज सिन्हा ने एसआईआर के महत्व को बताया।
- सरकार चुनने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों का है।
- सीएए धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वालों के लिए आवश्यक है।
पटना, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ऋतुराज सिन्हा ने रविवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी राय रखी। उनका कहना है कि चुनाव आयोग ने घुसपैठियों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने के लिए एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की है।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि सरकार चुनने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों का है और किसी भी व्यक्ति को, जो अवैध तरीके से देश में आया हो, को वोट देने या सरकार चुनने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एसआईआर चुनाव आयोग द्वारा संवैधानिक और कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाता है। जो लोग इस प्रक्रिया के खिलाफ नारेबाजी, धरना या प्रदर्शन कर रहे हैं, वे असल में भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ काम कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में भारतीय नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण होना चाहिए और किसी भी अवैध तरीके से आने वाले को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या की घटना पर भी अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक भारतीय के नाते यह बेहद दुखद है और यही वजह है कि सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) की आवश्यकता है। यह केवल कानून का मामला नहीं, बल्कि मानवता और संवेदनशीलता का भी मामला है।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि 1947 में बंटवारे के समय नेहरू और लियाकत अली के बीच हुए समझौते के तहत जो हिंदू पाकिस्तान या बांग्लादेश में फंसे थे, उनके पास हमेशा भारत आकर नागरिकता लेने का अधिकार था।
उन्होंने कहा कि सीएए के माध्यम से भारत में उन सभी को कानूनी सुरक्षा और नागरिकता प्रदान की जाएगी जो अपने देश में प्रताड़ित या असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। विशेष रूप से पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू नागरिक, यदि वे खतरे में हैं, तो भारत उनका स्वागत करता है और यह उनके पूर्वजों का देश भी रहा है।