क्या बल्लेबाजी क्रम में ज्यादा बदलाव उचित है? रॉबिन उथप्पा ने कहा
सारांश
Key Takeaways
- बदलावों से टीम की रणनीति प्रभावित होती है।
- मजबूत आधार की आवश्यकता होती है।
- खिलाड़ियों को लचीलापन बनाए रखना चाहिए।
- टीम को सही निर्णय लेने की जरूरत है।
- विकेट गिरने से रणनीति में बदलाव जरूरी है।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम को गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुल्लांपुर में खेले गए दूसरे टी20 में 51 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम ने जिस तरह से लक्ष्य का पीछा किया, उसकी तेज़ आलोचना हो रही है। पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने कहा कि टीम इंडिया के शीर्ष क्रम में जो लचीलापन है, उसके कारण हमें लक्ष्य हासिल करने में कठिनाई हुई और हम मैच हार गए।
जियोहॉटस्टार पर उथप्पा ने कहा, "आप शुरुआती विकेट खो सकते हैं, लेकिन मेरे लिए असली दिक्कत शुभमन गिल के आउट होने के बाद की रणनीति थी। अक्षर पटेल को इतनी मजबूत बल्लेबाजी क्रम के बावजूद तीसरे नंबर पर भेजने का निर्णय टीम पर भारी पड़ा। उन्हें पिच-हिटर के तौर पर खेलना चाहिए था। अक्षर ने 21 गेंदों पर 21 रन बनाए और वह अपने मकसद को पूरा नहीं कर पाए। विकेट गिरने के कारण उन्हें अपना तरीका बदलना पड़ा और धीमी बल्लेबाजी के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे चेज को नुकसान हुआ।"
रॉबिन उथप्पा ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बल्लेबाजों को यह स्पष्ट होना चाहिए कि पारी को कैसे संभालेंगे। पहले छह से आठ ओवर के बाद मैच की स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी क्रम में लचीलापन समझ आता है, लेकिन बड़ा लक्ष्य हासिल करने से पहले आपको एक मजबूत आधार की आवश्यकता होती है, उसके बिना लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता। खिलाड़ियों को एक ही गेम में कई रोल के लिए तैयार रहने के लिए कहना रन बनाने को और मुश्किल बना देता है, और यहीं पर इंडिया की परेशानी बढ़ रही है। मैं सलामी बल्लेबाजों के अलावा पारी की शुरुआत में बहुत ज्यादा बदलाव से सहमत नहीं हूं।"
भारतीय टीम को जीत के लिए दक्षिण अफ्रीका ने 214 का लक्ष्य रखा था। शुभमन गिल का विकेट पहले ही ओवर में गिर गया। सूर्यकुमार यादव, तिलक वर्मा, और शिवम दुबे जैसे बल्लेबाजों के रहते तीसरे नंबर पर अक्षर पटेल को बल्लेबाजी के लिए भेजने के फैसले के लिए हेड कोच गंभीर की आलोचना हो रही है। भारतीय टीम 19.1 ओवर में 162 पर सिमटकर 51 रन से मैच हार गई।