क्या रोहिणी आचार्य के किडनी दान पर उठे सवाल सही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दान किया।
- विरोधियों को चुनौती दी कि वे आरोप साबित करें।
- यह मामला महिलाओं के अधिकारों पर प्रकाश डालता है।
- सोशल मीडिया पर रोहिणी की प्रतिक्रिया तेजी से वायरल हुई।
- राजनीतिक स्थिति पर यह मामला गहरा प्रभाव डाल सकता है।
पटना, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान करने पर उठे सवालों का जवाब देते हुए बेटी रोहिणी आचार्य ने विरोधियों को कड़े शब्दों में चुनौती दी है। उन्होंने उन लोगों को खुली चुनौती दी, जो उन पर व्यक्तिगत स्वार्थ या झूठे आरोप लगा रहे हैं।
रोहिणी आचार्य ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि कोई यह सिद्ध कर दे कि उन्होंने अपने या किसी और के लिए कभी कोई व्यक्तिगत मांग की है, या यह कि उनके पिता को दी गई किडनी का दावा झूठा है, तो वे हमेशा के लिए राजनीति और सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगी।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मेरी खुली चुनौती है सभी उन लोगों के लिए जो गंदी सोच रखते हैं कि यदि कोई साबित कर दे कि मैंने अपने या किसी और के लिए कभी कोई मांग रखी और मेरे पिता को दी गई किडनी का दावा झूठ है, तो मैं राजनीति और सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग कर लूंगी।"
रोहिणी ने कहा, "यदि आरोप लगाने वाले अपने दावों को साबित नहीं कर पाते, तो उनमें यह साहस होना चाहिए कि वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।"
उन्होंने इसे न केवल अपना, बल्कि सभी महिलाओं का अपमान भी करार दिया।
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के परिवार में हालिया खींचतान के बीच, रोहिणी आचार्य ने एक वीडियो साझा किया था, जिसमें दिखाया गया था कि किस प्रकार उन्होंने अपने पिता को किडनी दान करने का निर्णय लिया था।
हालांकि, बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों और परिवार में संघर्ष की खबरों के बीच रोहिणी ने उस वीडियो को फिर से साझा किया, जिसके बाद विभिन्न राजनेताओं की प्रतिक्रियाएँ आईं।