क्या रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लिया और परिवार से दूरी बनाने का ऐलान किया?

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क्या रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लिया और परिवार से दूरी बनाने का ऐलान किया?

सारांश

बिहार की राजनीति में अचानक हुआ बड़ा बदलाव, जब रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास और परिवार से दूरी बनाने का फैसला किया। यह एक महत्वपूर्ण घटना है, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लिया है।
  • परिवार से दूरी बनाने का ऐलान किया है।
  • बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को केवल 25 सीटें मिलीं।
  • भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज की है।
  • यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।

पटना, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने परिवार से दूरी बनाने की भी घोषणा की।

रोहिणी आचार्य ने बताया कि संजय यादव और रमीज ने उनसे यही कदम उठाने के लिए कहा था। उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी स्पष्ट किया कि वे सभी जिम्मेदारियों का भार अपने ऊपर ले रही हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, "मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।"

रोहिणी का यह निर्णय न केवल आरजेडी में बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर गया है। इस मामले पर आरजेडी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू यादव, तेजस्वी यादव और राजद के अन्य नेता इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के दूसरे दिन ही रोहिणी आचार्य का यह बयान आया। इस चुनाव में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को भारी हार का सामना करना पड़ा था। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद महज 25 सीटों पर सिमट गई।

इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को 25 सीटें मिली हैं, जबकि महागठबंधन की एक अन्य प्रमुख पार्टी कांग्रेस ने केवल 6 सीटें हासिल की हैं। वहीं, भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज कर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। भाजपा-जदयू के गठबंधन वाले एनडीए को बंपर बहुमत मिला है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि रोहिणी आचार्य का यह निर्णय बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। उनकी इस घोषणा से राजद और बिहार की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। यह देखना बेहद ज़रूरी है कि कैसे अन्य नेता इस पर प्रतिक्रिया देंगे।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास क्यों लिया?
उन्होंने कहा कि संजय यादव और रमीज ने उनसे यही फैसला लेने के लिए कहा था और वे सभी जिम्मेदारियों का भार अपने ऊपर ले रही हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को कितनी सीटें मिलीं?
राजद को इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में केवल 25 सीटें मिलीं।
कांग्रेस ने कितनी सीटें जीतीं?
कांग्रेस ने इस चुनाव में केवल 6 सीटें जीतीं।
भाजपा की स्थिति क्या है?
भाजपा ने 89 सीटों पर जीत दर्ज कर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
रोहिणी आचार्य के फैसले का प्रभाव क्या होगा?
उनका यह निर्णय आरजेडी और पूरे बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
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